पीएम मोदी का मन की बात: योग, कैलाश मानसरोवर यात्रा और इमरजेंसी पर चर्चा

पीएम मोदी का संबोधन
मन की बात का 123वां एपिसोड: पीएम नरेंद्र मोदी ने 29 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों से संवाद किया। इस एपिसोड में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत के ट्रेकोमा मुक्त होने की घोषणा और 1975 में लागू की गई इमरजेंसी के विषयों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी लगाने वालों का उद्देश्य न केवल संविधान का अपमान करना था, बल्कि न्यायपालिका को भी अपने अधीन करना था।
पीएम मोदी ने कहा, "आप सभी इस समय योग की ऊर्जा और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की यादों से भरे होंगे। 21 जून को दुनिया भर के करोड़ों लोगों ने इस दिन का उत्सव मनाया। यह कार्यक्रम 10 साल पहले शुरू हुआ था और हर साल यह पहले से भी अधिक भव्य होता जा रहा है। यह इस बात का संकेत है कि लोग अपने जीवन में योग को शामिल कर रहे हैं।" उन्होंने विशाखापत्तनम में तीन लाख लोगों द्वारा एक साथ योग करने की तस्वीरों का उल्लेख किया।
धार्मिक यात्राओं पर बात करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः शुभारंभ हुआ है, जो भगवान शिव का धाम है। यह यात्रा हिन्दू, बौद्ध और जैन परंपराओं में श्रद्धा का केंद्र है। 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने जा रही है। हाल ही में हमने भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा का भी आयोजन देखा।" इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किया है, जिसका श्रेय उन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिया गया है जिन्होंने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी।
पीएम मोदी ने इमरजेंसी के समय को याद करते हुए कहा, "इमरजेंसी लगाने वालों ने संविधान का अपमान किया और न्यायपालिका को अपने अधीन करने का प्रयास किया। इस दौरान लोगों को व्यापक स्तर पर प्रताड़ित किया गया, और इसके कई उदाहरण हैं जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।"