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पीएम मोदी की मन की बात: अगस्त 2025 में ऐतिहासिक मुद्दों पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 124वें एपिसोड में अगस्त 2025 के ऐतिहासिक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत, महाराष्ट्र के किलों की यूनेस्को में मान्यता, और गोमती नदी की सफाई जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में टेक्सटाइल स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या और प्राचीन पांडुलिपियों के संरक्षण की योजनाओं का भी जिक्र किया गया। जानें इस कार्यक्रम में और क्या-क्या कहा गया।
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पीएम मोदी की मन की बात: अगस्त 2025 में ऐतिहासिक मुद्दों पर चर्चा

मन की बात कार्यक्रम का 124वां एपिसोड

मन की बात अगस्त 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 124वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने अंतरिक्ष, अगस्त क्रांति, महाराष्ट्र के 12 किलों को यूनेस्को की धरोहर के रूप में मान्यता, शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी और स्पेस साइंटिस्ट से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इसके साथ ही, उन्होंने भारत के टेक्सटाइल स्टार्टअप्स के बारे में भी जानकारी साझा की।


अगस्त का महीना और ऐतिहासिक संदर्भ

पीएम मोदी ने बताया कि अगस्त का महीना क्रांति का प्रतीक है। इस महीने भारत को स्वतंत्रता मिली थी और स्वतंत्रता सेनानियों ने कई महत्वपूर्ण आंदोलनों की शुरुआत की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के 12 किलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि हर किले का अपना एक अद्वितीय इतिहास है। शिवाजी महाराज के जन्म से जुड़े शिवनेरी दुर्ग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुर्ग इतना विशाल था कि इसे दुश्मन कभी नहीं भेद सकता था।


गोमती नदी की सफाई पर चर्चा

गोमती की सफाई का किया जिक्र

पीएम मोदी ने लखनऊ की गोमती नदी की सफाई टीम का उल्लेख किया, जो पिछले 10 वर्षों से हर रविवार बिना थके सफाई कार्य में जुटी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बिल्हा का उदाहरण भी दिया, जहां महिलाओं को कचरा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया और उन्होंने शहर की स्थिति में सुधार किया। गोवा के पणजी शहर का उदाहरण भी प्रेरणादायक है, जहां कचरे को 16 श्रेणियों में बांटा जाता है और इसका नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सफाई एक बार का काम नहीं है, बल्कि इसे निरंतरता से प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।


खुदीराम बोस की शहादत

अगस्त में खुदीराम बोस को दी गई थी फांसी

पीएम मोदी ने टेक्सटाइल क्षेत्र में सांस्कृतिक विविधता की सराहना की और बताया कि भारत में 3000 से अधिक टेक्सटाइल स्टार्टअप्स सक्रिय हैं। उन्होंने प्राचीन पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए सरकार के मिशन का भी उल्लेख किया। इसके अलावा, उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की शहादत का जिक्र किया, जो 12 अगस्त 1908 को मुजफ्फरपुर में हुई थी। उस समय जेल के बाहर लोगों की आंखों में आंसू थे।