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पीएम मोदी की मालदीव यात्रा: भारत-मालदीव संबंधों में नया मोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मालदीव यात्रा ने भारत और मालदीव के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मोदी की सराहना की, जिससे यह संकेत मिलता है कि मालदीव अब भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस यात्रा के दौरान मोदी ने विकास परियोजनाओं की घोषणा की और $565 मिलियन की क्रेडिट लाइन की पेशकश की। जानें इस यात्रा के प्रमुख पहलुओं और इसके पीछे के राजनीतिक संदर्भ के बारे में।
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पीएम मोदी की मालदीव यात्रा: भारत-मालदीव संबंधों में नया मोड़

मालदीव में पीएम मोदी का स्वागत

मालदीव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 25-26 जुलाई को हुई दो दिवसीय यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों का जबरदस्त समर्थन देखने को मिला। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में 'India Out' नीति को दरकिनार करते हुए मोदी की सराहना की है, जो चीन के लिए चिंता का विषय बन गया है।


मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में मोदी का स्वागत हवाई अड्डे से लेकर शहर तक उत्सव के माहौल में किया गया। बच्चों ने 'वंदे मातरम' के नारे लगाए, भारतीय और मालदीवी झंडों से सजावट की गई, और भारतीय समुदाय ने मोदी के समर्थन में नारे लगाए। राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी को "अद्भुत व्यक्ति" बताते हुए भारत को “सबसे विश्वसनीय मित्र” के रूप में स्वीकार किया।


चीन की प्रभावी उपस्थिति और Belt & Road Initiative के बावजूद, मालदीव एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए दिखाई दे रहा है। मुइज्जू की तारीफ से यह स्पष्ट होता है कि मालदीव भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है।


मोदी ने मालदीव को $565 मिलियन की क्रेडिट लाइन की घोषणा की और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू की। उन्होंने मले और हनिमाधू हवाई अड्डे सहित विकास परियोजनाओं के उद्घाटन समारोहों में भाग लिया, जिनमें रक्षा सहयोग से संबंधित कई घोषणाएँ की गईं।


यह यात्रा संकेत देती है कि मालदीव अब चीन की ओर झुकाव की पुरानी नीति को छोड़कर भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। यह बदलाव चीन के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करता है, क्योंकि मालदीव अब विकास और आर्थिक हितों में भारत पर भरोसा दिखा रहा है।