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पीएम मोदी ने CJI गवई पर हमले की निंदा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने CJI के धैर्य की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के घृणित कृत्यों के लिए समाज में कोई स्थान नहीं है। घटना के बारे में जानें, जिसमें एक वकील ने CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की। जानें CJI की टिप्पणियाँ और इस मामले में उठाए गए कदम।
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पीएम मोदी ने CJI गवई पर हमले की निंदा की

पीएम मोदी का CJI गवई से संवाद

पीएम मोदी ने CJI गवई से की बात: भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की कोशिश की घटना की पीएम मोदी ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने CJI बीआर गवई से बातचीत की और हमले के दौरान उनके धैर्य की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुए इस हमले से हर भारतीय आहत है। हमारे समाज में ऐसे घृणित कृत्यों के लिए कोई स्थान नहीं है। यह पूरी तरह से निंदनीय है।


CJI से बातचीत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस प्रकार की स्थिति में चीफ जस्टिस बीआर गवई ने जो धैर्य दिखाया है, उसकी मैं सराहना करता हूं। यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने की उनकी निष्ठा को दर्शाता है।


 


घटना का विवरण

असल में, सोमवार को 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में CJI गवई की टिप्पणियों से नाराज होकर उन पर जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि, जूता CJI पर नहीं गिरा, बल्कि जस्टिस विनोद चंद्रन के पास जा गिरा। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने राकेश किशोर को हिरासत में ले लिया। इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकील राकेश किशोर के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है।


CJI की टिप्पणी

खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में CJI गवई ने कहा था कि खजुराहो में शिव का एक बड़ा लिंग है और यदि याचिकाकर्ता शैव धर्म के खिलाफ नहीं हैं, तो वे वहां जाकर पूजा कर सकते हैं। उन्होंने याचिका को प्रचार हित याचिका बताते हुए भगवान से प्रार्थना करने की सलाह दी थी। उनकी इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद उन्होंने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।