पीएम मोदी ने बिहार में लालू यादव पर साधा निशाना, दलितों के सम्मान का मुद्दा उठाया

पीएम मोदी का बिहार दौरा
पीएम मोदी का बिहार दौरा: शुक्रवार, 20 जून को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के सीवान जिले में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरजेडी प्रमुख द्वारा डॉ. बीआर अंबेडकर की तस्वीर को पैरों के पास रखने की घटना की कड़ी निंदा की। पीएम मोदी ने कहा कि आरजेडी दलितों का सम्मान नहीं करती, इसलिए वे कभी माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव ने अंबेडकर का अपमान किया है और अंबेडकर उनके दिल में बसे हुए हैं।
बिहार के विकास पर सवाल
बिहार को बर्बाद करने का आरोप
पीएम मोदी ने आरजेडी और कांग्रेस पर बिहार के विकास को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बिहार को सही दिशा में लाने का काम किया है, जबकि विपक्षी दल राज्य में निवेश और विकास के खिलाफ हैं। पीएम मोदी ने कहा, 'हर किसी को आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए और किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। यही हमारे संविधान का मूल है। इसलिए हम कहते हैं 'सबका साथ, सबका विकास', जबकि 'लालटेन' और 'पंजा' वाले कहते हैं 'परिवार का साथ, परिवार का विकास', यही उनकी राजनीति का सार है। अपने परिवार के लाभ के लिए वे बिहार के करोड़ों परिवारों का नुकसान करने से नहीं चूकते। बाबा साहब अंबेडकर ऐसी राजनीति के खिलाफ थे।'
लालू यादव पर पीएम मोदी की टिप्पणी
लालू यादव पर पीएम मोदी की टिप्पणी
यह विवाद तब शुरू हुआ जब लालू यादव के जन्मदिन समारोह का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक समर्थक उनके पैरों के पास डॉ. अंबेडकर की तस्वीर रखता हुआ दिखाई दे रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, लालू यादव ने तस्वीर पर ध्यान नहीं दिया और उसे अपनी कुर्सी के पास रख दिया। इस घटना के बाद, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
अन्य प्रतिक्रियाएँ
बिहार अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस मामले में कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। अंबेडकर जयंती पर उनके अपमान के लिए लालू यादव को नोटिस जारी किया गया था। कांग्रेस और आरजेडी ने पहले भी बीजेपी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी के अंबेडकर पर दिए गए बयान को दलितों को आकर्षित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि बिहार में जाति के मुद्दे पर राजनीति अधिक मुखर है।