पीएम मोदी ने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अर्थशास्त्रियों के साथ की बैठक
प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अर्थशास्त्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य अब केवल सरकारी नीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की एक सामूहिक आकांक्षा बन चुका है। इस बैठक का उद्देश्य आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करना था। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
आत्मनिर्भरता और संरचनात्मक परिवर्तन पर चर्चा
नीति आयोग में आयोजित इस बैठक का मुख्य विषय आत्मनिर्भरता और संरचनात्मक परिवर्तन था। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नीति-निर्धारण और बजट प्रक्रिया को हमेशा 2047 के दृष्टिकोण से जोड़ा जाना चाहिए। हमें विश्वस्तरीय क्षमताओं को विकसित करने और वैश्विक बाजारों के साथ गहरे एकीकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।
भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजारों का केंद्र बनाना
प्रधानमंत्री ने भारत को वैश्विक कार्यबल और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। अर्थशास्त्रियों ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए रणनीतिक सुझाव दिए। घरेलू बचत को बढ़ाने और बुनियादी ढांचे में निवेश के माध्यम से आर्थिक ढांचे को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेषज्ञों से अपील की कि भारत को अपनी आंतरिक चुनौतियों का सामना करने के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में एक नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए।
व्यापार सुगमता को अगले स्तर पर ले जाना
'विकसित भारत' के रोडमैप के तहत, सरकार का ध्यान जटिल अनुपालनों को कम करने और व्यापार सुगमता को अगले स्तर पर ले जाने पर केंद्रित है। भारत अपने लोगों के नवाचार के जोश के बल पर वैश्विक ध्यान का केंद्र बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इस बात को साझा किया।
