पीटर नवारो का ब्रिक्स देशों पर तीखा हमला: 'वैम्पायर' कहकर किया संबोधित

नवारो का विवादास्पद बयान
व्हाइट हाउस के पूर्व व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत और ब्रिक्स देशों पर एक बार फिर से तीखा हमला किया है। उन्होंने एक टीवी साक्षात्कार में ब्रिक्स देशों को 'वैम्पायर' के रूप में संबोधित किया। नवारो ने कहा कि ये देश अमेरिका के बिना टिक नहीं सकते और जब वे अमेरिका को अपने उत्पाद बेचते हैं, तो वे हमारे संसाधनों का शोषण करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच ऐतिहासिक दुश्मनी है और वे एक-दूसरे के प्रति नफरत रखते हैं।
भारत-चीन संबंधों पर टिप्पणी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नवारो ने भारत और चीन के बीच के संबंधों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दोनों देश दशकों से संघर्ष में हैं। यह टिप्पणी उस समय आई है जब भारत और रूस के बीच तेल व्यापार को लेकर नवारो ने लगातार आलोचना की है। उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह रूस से तेल खरीदकर 'मुनाफा' कमा रहा है और इस तरह से रूसी युद्ध मशीन को समर्थन दे रहा है।
ब्रिक्स का विस्तार
ब्रिक्स गठबंधन का विस्तार
ब्रिक्स की शुरुआत ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ हुई थी। 2024 में यह गठबंधन मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और 2025 में इंडोनेशिया के शामिल होने के साथ और विस्तारित हुआ। नवारो के बयान ने इस गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े किए हैं।
नवारो के पूर्व विवादास्पद बयान
नवारो पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब नवारो ने इस तरह की तीखी टिप्पणियां की हैं। मई में, उन्होंने चीन के खिलाफ भी इसी तरह का 'वैम्पायर' बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि चीनी अमेरिका का खून नहीं चूस सकते, तो वे यूके और ईयू का खून चूसेंगे।
भारत का जवाब
भारत ने कुछ यूं दिया जवाब
भारत ने नवारो के बयानों को 'गलत और भ्रामक' करार देते हुए खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच की रणनीतिक साझेदारी साझा हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है। भारत ने स्पष्ट किया कि उसका तेल कारोबार ऊर्जा सुरक्षा के लिए है, न कि केवल मुनाफे के लिए।