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पीयूष गोयल ने आईआईटी मद्रास एलुमनी मीट में भारत की आर्थिक प्रगति पर चर्चा की

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बेंगलुरु में आयोजित आईआईटी मद्रास एलुमनी मीट में भारत की आर्थिक प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और यदि यह गति बनी रही, तो 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। गोयल ने नई तकनीकों को अपनाने के आत्मविश्वास और नवोन्मेषी उद्योग के लिए बजट आवंटन पर भी प्रकाश डाला।
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पीयूष गोयल ने आईआईटी मद्रास एलुमनी मीट में भारत की आर्थिक प्रगति पर चर्चा की

बेंगलुरु में आईआईटी मद्रास एलुमनी मीट

बेंगलुरु: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कर्नाटक की राजधानी में आयोजित आईआईटी मद्रास एलुमनी मीट ‘संगम’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण और पांच प्रणों पर विस्तार से चर्चा की।


गोयल ने बताया कि देश अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां हम भविष्य के भारत की आधारशिला रख रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब भारत को वैश्विक स्तर पर कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था। पिछले 10 वर्षों में, देश ने कई मिशनों पर कार्य किया है, जैसे ‘स्वच्छ भारत’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’, जिन्होंने आम जनता तक पहुंच बनाई और जमीनी स्तर पर बदलाव लाए। गोयल ने कहा कि आज भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और यदि यह गति बनी रही, तो 2027 तक हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकते हैं।


उन्होंने कहा, “आज जो नीतियां बनाई जा रही हैं, वे भविष्य के भारत को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा रही हैं।” तकनीक के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि भारत अब नई तकनीकों से डरता नहीं है, बल्कि उन्हें अपनाने का आत्मविश्वास रखता है। यह आत्मविश्वास हमें दुनिया के अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाता है। कोविड महामारी के दौरान, भारत ने 100 से अधिक देशों को वैक्सीन भेजी, जिसके लिए दुनिया ने भारत का आभार व्यक्त किया।


गोयल ने हालिया बजट का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये की राशि नवोन्मेषी उद्योग के लिए आवंटित की है, ताकि ‘युवा भारत’ को नए अवसर मिल सकें और अनुसंधान को बढ़ावा मिले।


उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को भी याद किया। गोयल ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया, अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें ‘जय विज्ञान’ जोड़ा, और अब प्रधानमंत्री मोदी ने इसमें चौथा आयाम ‘जय अनुसंधान’ जोड़ दिया है। अब भारत ऐसा देश बनता जा रहा है जहां प्रतिभा बाहर नहीं जा रही, बल्कि बाहर से लोग भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं।