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पुणे में पुल गिरने से चार की मौत, चश्मदीदों ने सुनाई आपबीती

पुणे में इंद्रायणी नदी पर एक पुराना पुल गिरने से चार लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए। घटना के समय पुल पर लगभग 200 लोग मौजूद थे। चश्मदीदों ने अपनी आपबीती साझा की, जिसमें उन्होंने इसे भगवान की कृपा बताया। जिला कलेक्टर ने बताया कि कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं और दो लोग अभी भी लापता हैं। जानें इस हादसे की पूरी कहानी और चश्मदीदों के बयान।
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पुणे में पुल गिरने से चार की मौत, चश्मदीदों ने सुनाई आपबीती

पुणे पुल गिरने की घटना

Pune Bridge Collapse: हाल ही में देश के दो राज्यों में दो गंभीर घटनाएं घटीं। पहली घटना उत्तराखंड में एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की थी, जिसमें कई लोगों की जान गई। दूसरी घटना महाराष्ट्र के पुणे में मावल तहसील के कुंडमाला में एक पुराना लोहे का पुल गिरने की थी, जिसमें कई लोग बह गए। इस समय पुल पर लगभग 200 लोगों के होने की आशंका जताई जा रही है। वहां मौजूद गवाहों ने अपनी आपबीती साझा की। निखिल कोल्लम ने कहा, 'यह भगवान की कृपा है कि हम सुरक्षित हैं।'


चश्मदीदों की गवाही

पुणे के तालेगांव के पास इंद्रायणी नदी पर हुए इस हादसे में चार लोगों की जान गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। चश्मदीदों के बयान सामने आए हैं। एक गवाह स्वप्निल कोल्लम ने कहा, 'पुल पर 150-200 से अधिक लोग थे, लेकिन जिस स्थान पर पुल गिरा, वहां 50 से ज्यादा लोग थे। यह भगवान की कृपा है कि मेरा परिवार सुरक्षित है।' वहीं, निखिल कोल्लम ने कहा, 'यह भगवान राम की कृपा है कि हम सुरक्षित हैं।' उन्होंने अपने परिवार के इस हादसे से बचने को पुनर्जन्म बताया।


हादसे का समय

यह घटना रविवार को दोपहर 3:15 बजे हुई, जिसके तुरंत बाद बचाव दल को सूचित किया गया। जिला कलेक्टर जितेन्द्र डूडी ने जानकारी दी कि कुल 51 लोग घायल हुए हैं और कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं। चार लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से तीन की पहचान हो चुकी है। मृतकों में चंद्रकांत साल्वे, रोहित माने और विहान शामिल हैं, जबकि एक व्यक्ति की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। अब तक अधिकांश लोगों को बचा लिया गया है, जबकि दो लोग अभी भी लापता हैं।