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पुणे में पुल ढहने से दो की मौत, बचाव कार्य जारी

पुणे जिले के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बने एक पुराने पुल के ढहने से दो लोगों की मौत हो गई है। भारी बारिश और नदी के तेज बहाव के कारण यह हादसा हुआ, जिसमें कई अन्य लोग भी बह गए हैं। प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन स्थानीय लोग प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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पुणे में पुल ढहने से दो की मौत, बचाव कार्य जारी

पुणे में पुल ढहने की घटना

Pune Bridge Collapse: पुणे जिले के मावल तहसील के तलेगांव दाभाडे के पास कुंडमाला क्षेत्र में रविवार को एक गंभीर घटना घटी, जब इंद्रायणी नदी पर स्थित एक पुराना लोहे का पुल गिर गया। भारी बारिश और नदी के तेज बहाव के कारण इस दुर्घटना में दो लोगों की जान चली गई है, जबकि कई अन्य के बहने की आशंका जताई जा रही है। यह पुल पिछले कुछ महीनों से वाहनों के लिए बंद था, लेकिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भीड़ के कारण यह हादसा हुआ।


पर्यटकों की भीड़ और पुल का ढहना

पुणे में ऑरेंज अलर्ट के चलते मावल तहसील के प्रमुख पर्यटन स्थलों, जैसे भुशी डैम और लोनावाला, को 31 अगस्त तक बंद कर दिया गया था। इस कारण पर्यटकों की भीड़ कुंडमाला में इंद्रायणी नदी के किनारे बढ़ गई। रविवार को लगभग 100-120 लोग नदी के बढ़ते जलस्तर का नजारा देखने के लिए इस पुराने पुल पर इकट्ठा हुए। कुछ लोग अपने दोपहिया वाहनों के साथ पुल पर चढ़ गए, जिससे पुल पर अतिरिक्त भार पड़ा। बताया गया है कि पुल की खराब स्थिति और अत्यधिक भार के कारण यह अचानक ढह गया।


बचाव कार्य में जुटा प्रशासन

बचाव अभियान में जुटा प्रशासन

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस के अनुसार, अब तक 5-6 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन 10-15 लोग अभी भी फंसे हुए बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का अनुमान है कि 25-30 लोग नदी की तेज धारा में बह गए हो सकते हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा, "कई लोग फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीम मौके पर जा रही है। हताहतों की संख्या की मैं अभी पुष्टि नहीं कर सकता। प्रशासन जो भी आवश्यक है वह कर रहा है।" वहीं, स्थानीय विधायक सुनिल शेल्के ने दावा किया कि इस हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है।


प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

स्थानीय लोगों के अनुसार, इस पुल को तीन महीने पहले ही ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन इसे पूरी तरह से अवरुद्ध नहीं किया गया। इसकी खराब स्थिति और भारी बारिश के बावजूद पर्यटकों का वहां पहुंचना हादसे का प्रमुख कारण बना। प्रशासन द्वारा समय पर उचित कदम न उठाए जाने पर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं।


तत्काल राहत और बचाव कार्य जारी

तत्काल राहत और बचाव कार्य जारी

पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत इस घटनास्थल पर एनडीआरएफ की टीमें और स्थानीय प्रशासन दिन-रात बचाव कार्य में जुटे हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे और खतरनाक स्थानों पर जाने से बचें। इस हादसे ने एक बार फिर पुराने ढांचों की मरम्मत और सुरक्षा मानकों पर ध्यान देने की जरूरत को उजागर किया है।