पुणे में सांप्रदायिक तनाव: 15 गिरफ्तार, 500 पर एफआईआर

पुणे में हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई
महाराष्ट्र पुलिस ने पुणे के दौंड तहसील के यवत गांव में एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के चलते हुई हिंसा के बाद 15 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में 500 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
शुक्रवार को यवत गांव में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ, जब विभिन्न समूहों के लोगों ने आपत्तिजनक सामग्री को लेकर तोड़फोड़ की और संपत्तियों में आग लगा दी। भीड़ ने सड़कों पर उतरकर एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया और एक बेकरी को नुकसान पहुंचाया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई
यवत पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक नारायण देशमुख ने बताया कि 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें 6 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखा गया है। एक अधिकारी ने कहा, "अब तक हमने हिंसा से संबंधित पांच मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से चार में 500 से अधिक लोगों का नाम है, जो आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल थे। 100 से अधिक लोगों की पहचान की जा चुकी है।"
पुलिस ने बताया कि घटना में शामिल व्यक्तियों ने एक मोटरसाइकिल, दो कारें, एक धार्मिक स्थल और एक बेकरी को निशाना बनाया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस बीच, यवत में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और स्थिति अब नियंत्रण में है।
प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष
पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने कहा कि प्रारंभिक जांच में किसी सुनियोजित साजिश का कोई संकेत नहीं मिला है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। गिल ने बताया, "शनिवार दोपहर तक पुलिस ने इस घटना के संबंध में पांच प्राथमिकियां दर्ज की हैं। जिस व्यक्ति के पोस्ट से हिंसा भड़की, वह वर्षों से गांव में निवास कर रहा है।"