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पुतिन और ईरानी विदेश मंत्री की महत्वपूर्ण बैठक में अमेरिका की कार्रवाई की निंदा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची की हालिया बैठक में अमेरिका की कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई। पुतिन ने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमलों को अनुचित बताया और ईरान के प्रति रूस के समर्थन की पुष्टि की। इस बैठक में खामेनेई की ओर से पुतिन को एक पत्र भी सौंपा गया, जिसमें समर्थन की अपील की गई। जानें इस महत्वपूर्ण मुलाकात के पीछे के कारण और रूस का तटस्थ रुख।
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पुतिन और ईरानी विदेश मंत्री की महत्वपूर्ण बैठक में अमेरिका की कार्रवाई की निंदा

पुतिन और अराघची की मुलाकात

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बीच मॉस्को में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने हमेशा ईरान का समर्थन किया है, लेकिन 13 जून को इजरायल द्वारा शुरू किए गए हमलों के बाद से कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस संदर्भ में, अराघची पुतिन को ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की एक चिट्ठी सौंपने आए हैं, जिसमें पुतिन से समर्थन की अपील की गई है।


पुतिन की निंदा

अमेरिकी कार्रवाई की पुतिन ने की निंदा
पुतिन ने हाल ही में ईरानी परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की, उन्हें अनुचित और बिना कारण का आक्रमण बताया। अराघची के साथ बैठक के दौरान, पुतिन ने कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ते संकट के बीच रूस ईरानी लोगों का समर्थन करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है। यह टिप्पणी ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर अमेरिकी और इजरायली हवाई हमलों के संदर्भ में आई है, जो तेहरान और मास्को के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है। पुतिन ने रूस की वफादारी पर सवाल उठाने वाले आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि अरब और इस्लामी देशों के साथ रूस के ऐतिहासिक संबंध महत्वपूर्ण हैं, और रूस की 15 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। 


रूस का तटस्थ रुख

रूस के तटस्थ रुख के पीछे कारण
ईरान के साथ दशकों से चले आ रहे संबंधों के बावजूद, पुतिन ने रूस के तटस्थ रहने और प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से बचने के निर्णय को स्पष्ट किया। सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए, उन्होंने इजरायल के साथ रूस के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय संबंधों पर जोर दिया, यह बताते हुए कि वहां लगभग दो मिलियन रूसी भाषी लोग निवास करते हैं। पुतिन ने कहा कि यह एक तरह से रूसी भाषी देश बन गया है, और यह तथ्य रूस की विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।