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पुतिन का न्यू स्टार्ट संधि पर बयान: अमेरिका के साथ सीमाओं का पालन जारी रहेगा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यू स्टार्ट परमाणु संधि के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ इस संधि की समाप्ति के बावजूद, रूस अगले एक वर्ष तक परमाणु हथियारों की सीमाओं का पालन करेगा। यह बयान वैश्विक स्थिरता को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। जानें इस संधि का महत्व, इसकी शर्तें और भविष्य में संभावित चुनौतियाँ क्या हो सकती हैं।
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रूस का न्यू स्टार्ट संधि पर नया बयान

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को घोषणा की कि अमेरिका के साथ न्यू स्टार्ट परमाणु संधि के समाप्त होने के बावजूद, रूस अगले एक वर्ष तक परमाणु हथियारों की सीमाओं का पालन करेगा। यह बयान वैश्विक स्थिरता को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। पुतिन ने यह जानकारी रूसी सुरक्षा परिषद की बैठक में दी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह संधि पूरी तरह समाप्त होती है, तो इससे न केवल रूस और अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया में सुरक्षा का संतुलन प्रभावित हो सकता है।


न्यू स्टार्ट संधि का महत्व

न्यू स्टार्ट संधि अमेरिका और रूस के बीच 2010 में हस्ताक्षरित अंतिम सक्रिय हथियार नियंत्रण समझौता है। यह संधि 2011 में लागू हुई और 2021 में इसे 2026 तक बढ़ाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सामरिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करना है, ताकि किसी भी प्रकार की अस्थिरता और गलतफहमी से बचा जा सके।


संधि की शर्तें

इस समझौते के तहत, रूस और अमेरिका 1,550 से अधिक परमाणु हथियार तैनात नहीं कर सकते। इसके अलावा, 700 बैलिस्टिक मिसाइलें और परमाणु बमवर्षक तक ही सीमित रह सकते हैं। कुल 800 लॉन्चर और डिलीवरी सिस्टम की सीमा भी निर्धारित की गई है। इसमें स्थलीय निरीक्षण, डेटा साझा करना और पारदर्शिता उपाय शामिल हैं।


भविष्य की चुनौतियाँ

हालांकि पुतिन का यह बयान यह दर्शाता है कि रूस 2026 तक हथियारों की सीमा का पालन करेगा, लेकिन 2023 में रूस ने संधि के निरीक्षण और रिपोर्टिंग में भाग लेना बंद कर दिया था। इससे दोनों देशों के बीच विश्वास में कमी आई है।