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पुतिन का भारत के प्रति समर्थन: अमेरिका के टैरिफ पर कड़ी प्रतिक्रिया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को असफल बताया और कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने NATO पर भी कड़ी आलोचना की और चेतावनी दी कि रूस की सुरक्षा को खतरे में डालने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी। पुतिन ने ब्रिक्स देशों का समर्थन भी किया और दिसंबर में भारत की यात्रा की पुष्टि की। इस लेख में पुतिन के बयान और भारत के प्रति उनके समर्थन पर विस्तृत चर्चा की गई है।
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पुतिन का भारत के प्रति समर्थन: अमेरिका के टैरिफ पर कड़ी प्रतिक्रिया

रूस-भारत संबंधों पर पुतिन की टिप्पणी

रूस-भारत संबंध: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कहा कि भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ प्रभावी नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों ही आत्म-सम्मान वाले देश हैं और किसी भी प्रकार के अपमान को सहन नहीं करेंगे। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए कहा कि वे अपने राष्ट्रीय हितों से कभी समझौता नहीं करेंगे।


अमेरिका का दबाव

भारत पर अमेरिकी दबाव: अमेरिका ने हाल ही में भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से ऊर्जा खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों के हितों के लिए ऊर्जा सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा और रूसी तेल की खरीद जारी रखेगा।


NATO पर पुतिन की आलोचना

NATO पर हमला: वाल्डई क्लब के एक कार्यक्रम में पुतिन ने पश्चिमी नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे युद्ध का डर फैला रहे हैं और NATO पर रूस के आक्रमण की झूठी कहानियाँ गढ़ रहे हैं। पुतिन ने चेतावनी दी कि यदि यूरोप या NATO ने रूस को उकसाया, तो प्रतिक्रिया कठोर होगी।


रूस का इरादा

हम पर हमला करने का इरादा नहीं: पुतिन ने कहा कि रूस का NATO या किसी यूरोपीय देश पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने बताया कि रूस ने अतीत में दो बार NATO में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया।


सुरक्षा पर पुतिन की चेतावनी

उकसाया तो होगा कड़ा जवाब: पुतिन ने चेतावनी दी कि यदि किसी ने रूस की सुरक्षा या नागरिकों को खतरे में डाला, तो रूस तुरंत और सख्त प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा कि रूस कभी भी सैन्य टकराव की पहल नहीं करता, लेकिन कमजोरी दिखाना भी गलत है।


पश्चिमी देशों की आलोचना

पश्चिमी देशों पर तीखी आलोचना: पुतिन ने कहा कि पश्चिम बार-बार रूस को काल्पनिक दुश्मन बताकर यूरोप को अपनी नीतियों के खिलाफ काम करने पर मजबूर करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वास्तव में रूस इतना बड़ा खतरा है कि यूरोप को अपने नागरिकों के हित बलिदान करने पड़ें।


यूक्रेन युद्ध पर पुतिन की राय

यूक्रेन युद्ध पर टिप्पणी: पुतिन ने कहा कि यदि डोनाल्ड ट्रंप पहले से अमेरिकी राष्ट्रपति होते, तो शायद यूक्रेन युद्ध टल सकता था। उन्होंने इसे यूक्रेन और पूरी दुनिया के लिए एक त्रासदी बताया।


ब्रिक्स देशों का समर्थन

ब्रिक्स देशों का जिक्र: पुतिन ने ब्रिक्स देशों और अन्य सहयोगियों का धन्यवाद किया जिन्होंने रूस की शांति पहल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत पूरी दुनिया पर अपनी शर्तें नहीं थोप सकती।


भारत यात्रा की पुष्टि

भारत यात्रा की पुष्टि: क्रेमलिन ने यह भी पुष्टि की कि पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेंगे।