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पुतिन का यूक्रेन शांति प्रस्ताव: नई शर्तें और प्रतिक्रिया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए नई शर्तें प्रस्तुत की हैं, जिसमें डोनबास पर नियंत्रण और नाटो में शामिल होने का विचार छोड़ना शामिल है। पुतिन की मांगों में नरमी आई है, लेकिन यूक्रेन ने इन शर्तों को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि डोनबास छोड़ना संभव नहीं है। इस प्रस्ताव पर अमेरिका और नाटो की प्रतिक्रिया का इंतजार है। क्या यह शांति की दिशा में एक कदम है या युद्ध जारी रहेगा? जानें पूरी कहानी।
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पुतिन का यूक्रेन शांति प्रस्ताव: नई शर्तें और प्रतिक्रिया

पुतिन का शांति प्रस्ताव

पुतिन का यूक्रेन शांति प्रस्ताव: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए कुछ नई शर्तें प्रस्तुत की हैं। इनमें डोनबास पर पूर्ण नियंत्रण, यूक्रेन का नाटो में शामिल होने का विचार छोड़ना, तटस्थ रहना और पश्चिमी सैनिकों की तैनाती पर रोक लगाना शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने ये प्रस्ताव अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलास्का में हुई मुलाकात के दौरान रखे। यह दोनों देशों के बीच चार साल बाद पहला शिखर सम्मेलन था, जो लगभग तीन घंटे तक चला।


पुतिन की मांगों में नरमी

पुतिन ने अपनी मांगों को पहले की तुलना में थोड़ा नरम किया है। जून 2024 में, उन्होंने डोनबास के साथ-साथ खेरसोन और जापोरिजिया प्रांतों को रूस का हिस्सा मानने की मांग की थी, लेकिन अब वे केवल डोनबास से यूक्रेनी सेना की पूर्ण वापसी की मांग कर रहे हैं। इसके बदले में, रूस वर्तमान मोर्चों पर खेरसोन और जापोरिजिया में अपनी स्थिति को बनाए रखने को तैयार है। वर्तमान में, रूस डोनबास का लगभग 88 प्रतिशत और दक्षिणी प्रांतों का 73 प्रतिशत क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है।


नाटो में शामिल होने का मुद्दा

नाटो में शामिल होने का विचार: मॉस्को ने संकेत दिया है कि वह खारकीव, सुमी और डनीप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्रों में कब्जाए गए कुछ हिस्से वापस कर सकता है। हालांकि, पुतिन ने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का विचार छोड़ना होगा और पश्चिमी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे यूक्रेन में सैनिक नहीं भेजेंगे। कीव ने इन शर्तों को ठुकरा दिया है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि डोनबास छोड़ना संभव नहीं है, क्योंकि यह क्षेत्र यूक्रेन की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि नाटो सदस्यता यूक्रेन का संवैधानिक लक्ष्य है और इस पर रूस का कोई अधिकार नहीं है।


पुतिन की वैधता पर सवाल

पुतिन की वैधता को लेकर भी सवाल: अमेरिका और नाटो ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, यूरोप के कई देशों ने संदेह व्यक्त किया है कि पुतिन वास्तव में युद्ध समाप्त करना चाहते हैं। पुतिन की वैधता पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उनका कार्यकाल मई 2024 में समाप्त हो रहा है और युद्ध के कारण नए चुनाव नहीं हो सके हैं।


रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता

रूस और यूक्रेन के बीच सीधी वार्ता: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे इस युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं और खुद को शांति स्थापित करने वाले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि रूस और यूक्रेन के बीच सीधी वार्ता कराने के प्रयास जारी हैं। सूत्रों के अनुसार, यह शिखर सम्मेलन अब तक शांति की सबसे बड़ी संभावना लेकर आया है, हालांकि यदि यूक्रेन डोनबास छोड़ने से इनकार करता है, तो युद्ध जारी रहेगा।