पुतिन की भारत यात्रा: 23वें शिखर सम्मेलन की तैयारी

पुतिन की संभावित यात्रा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 5-6 दिसंबर को 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आने की योजना बना रहे हैं। यह उनकी पहली यात्रा होगी जब से फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू हुआ था। क्रेमलिन ने पहले ही पुष्टि की थी कि पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है, हालांकि अभी तक यात्रा की तारीख तय नहीं हुई है। पुतिन की दिसंबर में यात्रा की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच 1 सितंबर को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात के बाद आई है। इस यात्रा का महत्व वैश्विक राजनीतिक परिवेश में बढ़ गया है।
भारत और अमेरिका के संबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस के साथ व्यापार को लेकर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने नई दिल्ली पर आरोप लगाया है कि वह मास्को से कच्चे तेल की खरीद के माध्यम से यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषित कर रहा है। ट्रंप प्रशासन के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि वह अमेरिकी उपभोक्ताओं को सामान बेचना चाहता है, तो उसे राष्ट्रपति के साथ तालमेल बनाना होगा।
भारत का प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने अमेरिका के इस रुख को अनुचित और पाखंडी बताया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कच्चे तेल का आयात बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार किया जा रहा है और देश के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। भारत ने पश्चिमी देशों पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है, यह बताते हुए कि कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ, जिनमें यूरोप की कुछ अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं, रूस के साथ व्यापार जारी रखे हुए हैं। अमेरिकी दबाव के बावजूद, भारत ने मास्को के साथ अपने तेल व्यापार को रोकने के कोई संकेत नहीं दिए हैं।