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पुतिन की भारत यात्रा: द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की संभावना

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा पर आ सकते हैं, जहां व्यापार, सैन्य सहयोग और तकनीकी क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के संदर्भ में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की साझेदारी के चयन की स्वतंत्रता पर जोर दिया। उन्होंने भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंधों की मजबूती और भारत की विदेश नीति की सराहना की।
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पुतिन की भारत यात्रा: द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की संभावना

पुतिन की भारत यात्रा की योजना

पुतिन भारत यात्रा: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत आने की योजना बना रहे हैं। एक समाचार स्रोत के अनुसार, उन्होंने बताया कि नई दिल्ली में पुतिन की यात्रा के दौरान व्यापार, सैन्य सहयोग, तकनीकी आदान-प्रदान, वित्त, मानवीय प्रयास, स्वास्थ्य सेवाएं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे उच्च तकनीक क्षेत्रों में द्विपक्षीय चर्चा की संभावना है।


भारत पर अमेरिका का अतिरिक्त टैरिफ

रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। जब इस विषय पर लावरोव से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि भारत अपने साझेदारों का चयन स्वयं करता है। भारत ने स्पष्ट किया है कि यदि अमेरिका के पास द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव है, तो वे उस पर चर्चा के लिए तैयार हैं, चाहे अमेरिका कोई भी शर्त रखे। लेकिन जब बात भारत और तीसरे देशों के बीच व्यापार, निवेश और अन्य संबंधों की आती है, तो भारत केवल उन्हीं देशों के साथ चर्चा करेगा।


भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंध

लावरोव ने भारत की व्यापारिक निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हाल ही में हुई बातचीत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल वे रूस का दौरा करेंगे और भारत का दौरा भी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस के बीच आर्थिक साझेदारी 'खतरे में नहीं' है। भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हम भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं।


भारत की विदेश नीति की सराहना

लावरोव ने भारत और रूस के बीच रणनीतिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की विदेश नीति का वे 'अत्यंत सम्मान' करते हैं। उन्होंने चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन में मोदी और पुतिन की हालिया मुलाकात को भी याद किया और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों के बीच 'घनिष्ठ समन्वय' का उल्लेख किया।