Newzfatafatlogo

पुतिन ने ट्रंप की प्रशंसा की, यूरेशियन समिट की घोषणा की

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की और कहा कि वे एक साहसी व्यक्ति हैं। उन्होंने यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन समिट की घोषणा की, जो नए साल से पहले सेंट पीटर्सबर्ग में होगी। पुतिन ने पश्चिमी देशों पर धोखे का आरोप लगाया और कहा कि रूस रक्षा खर्च में कटौती करेगा। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और अधिक जानकारी।
 | 
पुतिन ने ट्रंप की प्रशंसा की, यूरेशियन समिट की घोषणा की

पुतिन की ट्रंप के प्रति सम्मान

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा करते हुए कहा कि, "मैं ट्रंप का बहुत सम्मान करता हूं। वे एक साहसी व्यक्ति हैं, जिन्होंने दो बार हत्या के प्रयासों से अपनी जान बचाई है।" पुतिन ने यह भी व्यक्त किया कि उन्हें विश्वास है कि ट्रंप यूक्रेन और मध्य पूर्व में शांति स्थापित करना चाहते हैं, हालांकि यह उनके लिए उतना सरल नहीं होगा जितना उन्होंने सोचा था। उन्होंने ट्रंप की मंशा को सच्चा बताया, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि यह रास्ता चुनौतीपूर्ण है।


यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन समिट की जानकारी

पीटर्सबर्ग में होगी यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन समिट


पुतिन ने यह भी घोषणा की कि अगली यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन समिट नए साल से पहले सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित की जाएगी। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच शांति प्रस्तावों को "एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत" बताया, लेकिन कहा कि बातचीत का उद्देश्य अपने मतभेदों को कम करना है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस अब तक 6,000 यूक्रेनी सैनिकों के शव वापस कर चुका है और 3,000 और लौटाने के लिए तैयार है। इसके बाद रूस तीसरे दौर की बातचीत के लिए भी इच्छुक है।


पश्चिमी देशों पर आरोप

पश्चिमी देशों पर लगाया धोखे का आरोप


पुतिन ने यूरोप पर निशाना साधते हुए कहा कि जो देश 'रूसी आक्रामकता' की बात करते हैं, उन्हें पहले खुद को देखना चाहिए। उन्होंने नाटो के विस्तार को लेकर पश्चिमी देशों पर धोखा देने का आरोप लगाया। पुतिन ने कहा कि रूस से वादा किया गया था कि नाटो एक इंच भी पूर्व की ओर नहीं बढ़ेगा, लेकिन इसके बावजूद इसका विस्तार जारी रहा। उन्होंने यह भी बताया कि रूस रक्षा खर्च में कटौती की योजना बना रहा है, जबकि पश्चिमी देश इसे बढ़ा रहे हैं। उनके अनुसार, इससे सुरक्षा नहीं मिलेगी, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि कठोर प्रतिबंधों से पश्चिम को ही अधिक नुकसान होगा, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब भी तेल और गैस की आवश्यकता है।