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पुरी में नबयौवन दर्शन: रथ यात्रा की तैयारी में भक्तों की उमड़ी भीड़

पुरी में नबयौवन दर्शन के दौरान हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के दर्शन के लिए एकत्रित हुए हैं। यह अनुष्ठान, जो देवताओं के स्वास्थ्य में लौटने का प्रतीक है, रथ यात्रा से पहले आयोजित किया जाता है। भक्तों की भीड़ और सुरक्षा प्रबंधों के बीच, यह उत्सव आध्यात्मिकता और भक्ति का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। जानें इस विशेष अवसर के बारे में और कैसे यह लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक है।
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पुरी में नबयौवन दर्शन: रथ यात्रा की तैयारी में भक्तों की उमड़ी भीड़

पुरी में भक्ति का अद्वितीय उत्सव

पुरी, ओडिशा में, भक्तों की एक विशाल संख्या भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के 'नबयौवन दर्शन' के लिए एकत्रित हुई है। यह विशेष अनुष्ठान, जिसका अर्थ है 'युवा कायाकल्प', देवताओं के 14-दिवसीय 'अनसारा' (बीमारी की छुट्टी) अवधि के समाप्त होने से ठीक पहले आयोजित किया जाता है। इस अवधि के दौरान, देवताओं को एकांत में रखा जाता है और माना जाता है कि वे 'स्नान पूर्णिमा' के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। नबयौवन दर्शन उनके पूर्ण स्वास्थ्य में लौटने और उनकी भव्य उपस्थिति का प्रतीक है, जिसे भक्तों द्वारा रथ यात्रा शुरू होने से पहले बेसब्री से देखा जाता है।


मंदिर परिसर और ग्रैंड रोड पर भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा है, जहां सभी भक्त पुनर्जीवित देवताओं की झलक पाने के लिए उत्सुक हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुचारू प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय और भीड़ प्रबंधन प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। स्वयंसेवक और पुलिस कर्मी दर्शन प्रक्रिया को सुगम बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।


उत्सव का माहौल रथ यात्रा के भव्य आयोजन का संकेत देता है, जो कल से शुरू होने जा रही है। नबयौवन दर्शन केवल एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव है, जो उन्हें रथों के भव्य प्रदर्शन से पहले दिव्य से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। यह कायाकल्प के निरंतर चक्र और लाखों लोगों की अटूट आस्था का प्रतीक है।