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पुरी रथ यात्रा में भगदड़: पीड़ितों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

पुरी में रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ ने कई लोगों की जान ले ली और कई अन्य घायल हुए। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मी उनकी मदद करने के बजाय अपनी जान बचाने में लगे थे। इस घटना के गवाहों ने बताया कि भगदड़ के समय कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। जानें इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी और पीड़ितों की आपबीती।
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पुरी रथ यात्रा में भगदड़: पीड़ितों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

पुरी रथ यात्रा में हुई भगदड़ का दर्दनाक मंजर

Puri Rath Yatra Stampede Eyewitness: ओडिशा के पुरी में गुंडिचा मंदिर के सामने हुई भगदड़ के पीड़ितों का कहना है कि पुलिसकर्मी गिरे हुए लोगों की मदद करने के बजाय अपनी जान बचाने में लगे थे। हाल ही में पुरी में रथ यात्रा के दौरान एक गंभीर हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने भगदड़ के समय उनकी सहायता नहीं की।


पुलिस की लापरवाही पर सवाल

भगदड़ में जान गंवाने वाली खुर्दा जिले की प्रभाती साहू के पति दिलीप साहू ने बताया कि जब भगदड़ मची, तो पुलिसकर्मी लोगों को बचाने के बजाय भाग रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी बेहोश हो गई थी, जिसे उन्होंने अन्य श्रद्धालुओं की मदद से अस्पताल पहुंचाया। दिलीप ने यह भी कहा कि पुलिस का काम लोगों की सुरक्षा करना है, लेकिन वे खुद को बचाने में लगे रहे।


भगदड़ के समय की स्थिति

इस घटना के गवाहों ने बताया कि रथ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक अनियंत्रित हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने त्योहार से पहले पुलिसकर्मियों को मॉक ड्रिल करवाई थी, लेकिन फिर भी मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। रविवार को छुट्टी होने के कारण भीड़ अधिक थी, लेकिन पुलिस की अनुपस्थिति ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।


पीड़ितों की आपबीती

रथ यात्रा के दौरान जान गंवाने वाली भक्त प्रभाती दास के पति अभिजीत दास ने कहा कि इस संकट के समय कोई पुलिसकर्मी उनकी मदद के लिए नहीं आया। एक अन्य चश्मदीद परिखिता मिश्रा ने बताया कि वह किसी तरह से इस भगदड़ में बच गई। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि रथों के आसपास का क्षेत्र खाली नहीं रखा गया, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी।