पूर्णिया अस्पताल में लापरवाही से उठे सवाल, तीन घायलों को मृत घोषित किया गया
हादसे के बाद अस्पताल की लापरवाही पर सवाल
पूर्णिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) ने एक बार फिर विवादों का सामना किया है। शनिवार को एक सड़क दुर्घटना के बाद अस्पताल की लापरवाही ने स्वास्थ्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि तीन घायलों को बिना उचित जांच के मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन पोस्टमार्टम से पहले एक युवक के जीवित होने का पता चला।दुर्घटना का विवरणशनिवार को दोपहर लगभग तीन बजे नगर थाना क्षेत्र के झुननी पेट्रोल पंप के पास दो मोटरसाइकिलों की टक्कर हुई। टक्कर इतनी भयंकर थी कि तीनों सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय निवासियों ने तुरंत घायलों को GMCH पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम से पहले की घटना तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जब तीसरे युवक की जांच शुरू हुई, तो वहां मौजूद लोगों ने देखा कि वह हल्की सांस ले रहा है और उसके मुंह से खून निकल रहा है। यह दृश्य देखकर परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने शव को उठाकर इमरजेंसी वार्ड की ओर दौड़ लगाई और इलाज की मांग की।
डॉक्टरों पर गुस्सा और हंगामा इमरजेंसी वार्ड में हंगामे के कारण डॉक्टर वहां से भागने लगे। गुस्साए लोगों ने एक डॉक्टर को पकड़ लिया और युवक का तुरंत इलाज करने की मांग की। हालांकि, जांच के बाद डॉक्टरों ने फिर से उस युवक को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद स्थिति और बिगड़ गई और हालात को नियंत्रित करने के लिए कई थानों की पुलिस को बुलाना पड़ा।
तीनों युवक एक ही गांव के थे इस हादसे में जिनकी मौत हुई, उनकी पहचान अररिया जिले के बौसी बसैठी थाना क्षेत्र के फरकिया गांव के निवासी नूर मोहम्मद के बेटे मोहम्मद निजाम, स्व. जीवछ लाल रजक के बेटे रंजीत रजक और नाजिर हुसैन के बेटे मोहम्मद शाहबुद्दीन के रूप में हुई। तीनों एक ही गांव के निवासी थे, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक और गुस्से का माहौल है।