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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन मंगलवार को 79 वर्ष की आयु में हुआ। वे लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और नई दिल्ली के अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। मलिक ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया, विशेषकर जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। जानें उनके राजनीतिक सफर और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान

सत्यपाल मलिक का निधन

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद हो गया। उनकी उम्र 79 वर्ष थी। उन्होंने नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दोपहर लगभग 1 बजे अंतिम सांस ली, जहां वे कई महीनों से इलाज करवा रहे थे। जानकारी के अनुसार, वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रसित थे और 11 मई 2025 को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.


राजनीतिक करियर

सत्यपाल मलिक भारतीय राजनीति और प्रशासन में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। वह अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल रहे। उनके कार्यकाल के दौरान, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हुआ और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया।


अन्य राज्यपाल के रूप में कार्य

सत्यपाल मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन में कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में कार्य किया। बिहार के राज्यपाल के रूप में उन्होंने अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक सेवा दी। इस दौरान उन्हें मार्च 2018 से मई 2018 तक ओडिशा का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। जम्मू-कश्मीर में कार्यकाल के बाद, वे गोवा के 18वें राज्यपाल बने और इसके बाद अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे।