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पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अन्य क्षेत्रों की स्थिति

भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी हिस्सों में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग ने असम और मेघालय में 2 अगस्त को अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, अन्य क्षेत्रों में बारिश की स्थिति में बदलाव आ सकता है। जानें किस क्षेत्र में कब बारिश होगी और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
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मौसम विभाग का चेतावनी

देश के पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में अगले सप्ताह भारी से अत्यधिक बारिश की संभावना जताई गई है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने 2 अगस्त को असम और मेघालय में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जो जनजीवन और यातायात को प्रभावित कर सकती है।


एक अगस्त को पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में बारिश में कमी आने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में मौसम सामान्य रहने की संभावना है, हालांकि आस-पास के क्षेत्रों में हल्की बारिश जारी रह सकती है।


मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अगले छह से सात दिनों के दौरान हल्की बारिश की गतिविधियों की संभावना है। यह बारिश सामान्य से हल्की रहेगी और किसी बड़े संकट का कारण बनने की संभावना नहीं है।


उत्तर-पश्चिम भारत में भी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू-कश्मीर में 31 जुलाई, 4 और 6 अगस्त को गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी इसी अवधि में बारिश की संभावना है।


पंजाब में 31 जुलाई, 3 और 4 अगस्त को बारिश होने की संभावना है। हरियाणा, चंडीगढ़, पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, और राजस्थान के कई क्षेत्रों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।


पूर्वोत्तर राज्यों में 31 जुलाई से 6 अगस्त के बीच लगातार बारिश जारी रहेगी। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। 2 अगस्त को असम और मेघालय में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है, जिससे जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।


पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भी भारी बारिश का खतरा बना हुआ है। 31 जुलाई से 7 अगस्त के बीच उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। विशेषकर 2 और 3 अगस्त को बिहार में भारी बारिश के कारण नदी-नाले खतरे के संकेत दे सकते हैं।