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पृथ्वीनाथ मंदिर: एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग और श्रद्धालुओं की आस्था

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का पृथ्वीनाथ मंदिर हाल ही में एक दुखद घटना के कारण चर्चा में आया है, जिसमें 11 श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह मंदिर एशिया के सबसे ऊंचे शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी स्थापना पांडवों द्वारा की गई थी। यहां आने वाले भक्त अपनी मन्नतें मांगते हैं और पुजारी का दावा है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। जानें इस मंदिर की विशेषताओं और श्रद्धालुओं की आस्था के बारे में।
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पृथ्वीनाथ मंदिर: एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग और श्रद्धालुओं की आस्था

पृथ्वीनाथ मंदिर: एक दुखद घटना के बाद चर्चा में

पृथ्वीनाथ मंदिर: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, पृथ्वीनाथ मंदिर, हाल ही में एक दुखद घटना के कारण सुर्खियों में आया है। इस पवित्र स्थान पर एक भीषण हादसे में 11 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जो भोलेनाथ के दर्शन और जल चढ़ाने के लिए जा रहे थे। इस घटना ने एक बार फिर इस मंदिर को चर्चा का विषय बना दिया है।


एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग

गोंडा जिले के खरगूपुर कस्बे में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां का शिवलिंग 54 फीट ऊंचा है, जो इसे एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग बनाता है। इसकी विशालता भक्तों को दूर-दूर से आकर्षित करती है, और मंदिर का वातावरण श्रद्धा और भक्ति से भरा होता है, जो हर किसी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।


पांडवों से जुड़ी ऐतिहासिक मान्यता

यह मान्यता है कि पृथ्वीनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना महाभारत काल में पांडवों द्वारा की गई थी। इस कारण से, इस मंदिर को विशेष धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व प्राप्त है। यहां आने वाले भक्त केवल दर्शन नहीं करते, बल्कि अपने दुख-सुख भगवान शिव को समर्पित कर मन्नतें मांगते हैं।


मंदिर के पुजारी का दावा

मंदिर के पुजारी जगदंबा प्रसाद तिवारी के अनुसार, जो भी श्रद्धा से यहां मन्नत मांगता है, उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है। श्रावण मास में इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, और कई भक्त तो पैदल यात्रा कर यहां तक पहुंचते हैं। हाल की दुर्घटना के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है।