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पेट्रोलियम मंत्री ने जैव-ईंधन के दावों को किया खारिज, ई-20 का उपयोग सुरक्षित बताया

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जैव-ईंधन के उपयोग से इंजन को होने वाले नुकसान के दावों को खारिज किया है। उन्होंने ई-20 पेट्रोल के पर्यावरणीय लाभों पर जोर दिया और बताया कि यह देशभर में उपलब्ध है। मंत्री ने पुराने वाहनों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताओं का समाधान किया और भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग के संदर्भ में जैव-ईंधन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
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पेट्रोलियम मंत्री ने जैव-ईंधन के दावों को किया खारिज, ई-20 का उपयोग सुरक्षित बताया

जैव-ईंधन के दावों पर मंत्री का स्पष्टीकरण

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को जैव-ईंधन के उपयोग से वाहनों के इंजन को होने वाले नुकसान के दावों को पूरी तरह से गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ई-20) का उपयोग पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।


एनरिच 2025 सम्मेलन में मंत्री का बयान

पुरी ने केपीएमजी के वार्षिक ऊर्जा एवं संसाधन सम्मेलन एनरिच 2025 में कहा, "जैव-ईंधन से इंजन खराब होने की जो बातें सुनते हैं, वे सब बकवास हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि गन्ने या अनाज से बने एथनॉल से तैयार ई-20 पेट्रोल देशभर के 90,000 से अधिक पेट्रोल पंपों पर उपलब्ध है और इसे वाहन चलाने के लिए सुरक्षित माना गया है।


पुराने वाहनों पर ई-20 के प्रभाव

कुछ वाहन चालकों और निर्माताओं ने पुराने वाहनों पर ई-20 के प्रभाव को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन बाद में यह स्पष्ट किया गया कि वाहन इसके उपयोग के लिए सुरक्षित हैं। हालांकि, पुरी ने स्वीकार किया कि पुराने वाहनों में रबर के कुछ कलपुर्जों और गैस्केट को बदलने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन यह प्रक्रिया सरल है।


भारत की ऊर्जा मांग और जैव-ईंधन की आवश्यकता

उन्होंने बताया कि 2014 में पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण केवल 1.4 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है। पुरी ने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग अगले दो दशकों में वैश्विक औसत से तीन गुना बढ़ने की संभावना है, और इस वृद्धि में 25 प्रतिशत योगदान अकेले भारत का होगा। ऐसे में आयात पर निर्भरता को कम करने और उत्सर्जन घटाने के लिए जैव-ईंधन का उपयोग अनिवार्य है।


ई-20 पेट्रोल के माइलेज पर प्रभाव

पिछले महीने मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि ई-20 पेट्रोल के उपयोग से चार पहिया वाहनों में केवल 1-2 प्रतिशत और अन्य वाहनों में 3-6 प्रतिशत माइलेज में गिरावट होती है।