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पेरिस पैरालंपिक 2024 के सितारे नवदीप और योगेश को लॉस एंजेलिस 2028 में झटका

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का नाम रोशन करने वाले पैरा-एथलीट नवदीप सिंह और योगेश कथुनिया को लॉस एंजेलिस 2028 में उनके इवेंट्स से बाहर किए जाने का बड़ा झटका लगा है। नवदीप ने जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता था, जबकि योगेश ने डिस्कस थ्रो में रजत पदक हासिल किया था। इस निर्णय ने उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानें इस फैसले पर खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं और उनके संघर्ष की कहानी।
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पेरिस पैरालंपिक 2024 के सितारे नवदीप और योगेश को लॉस एंजेलिस 2028 में झटका

भारत के पैरा-एथलीटों को बड़ा झटका

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का नाम रोशन करने वाले पैरा-एथलीट नवदीप सिंह और योगेश कथुनिया को एक बड़ा झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) ने 3 जून 2025 को लॉस एंजेलिस 2028 पैरालंपिक के लिए इवेंट्स की सूची जारी की, जिसमें इन दोनों खिलाड़ियों के इवेंट्स, पुरुष जैवलिन थ्रो F41 और डिस्कस थ्रो F56, शामिल नहीं हैं.


नवदीप सिंह की ऐतिहासिक जीत

हरियाणा के पानीपत से ताल्लुक रखने वाले नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुष जैवलिन थ्रो F41 में स्वर्ण पदक जीतकर एक नया इतिहास रचा। उनकी इस उपलब्धि ने भारत को गर्व का अनुभव कराया, खासकर जब उनका रजत पदक, ईरान के सादेघ बेत सयाह के अयोग्य ठहराए जाने के बाद स्वर्ण में बदल गया। नवदीप ने अपनी जीत के बाद बताया कि उनकी कम ऊंचाई के कारण लोग उनका मजाक उड़ाते थे और एक समय उन्होंने आत्महत्या का विचार भी किया था। लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक चमकता सितारा बना दिया।


योगेश कथुनिया की प्रतिभा

योगेश कथुनिया ने भी पुरुष डिस्कस थ्रो F56 में रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया और उनकी यह उपलब्धि भारतीय पैरा-एथलेटिक्स के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। पेरिस पैरालंपिक में भारत ने कुल 29 पदक जीते, जिनमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य शामिल थे, और नवदीप तथा योगेश का योगदान इस ऐतिहासिक प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।


लॉस एंजेलिस 2028 में इवेंट्स का हटना

लॉस एंजेलिस 2028 पैरालंपिक के लिए अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति ने 560 मेडल इवेंट्स की सूची जारी की है, जिसमें 23 खेल शामिल हैं। हालांकि, इस सूची से जैवलिन थ्रो F41 और डिस्कस थ्रो F56 जैसे इवेंट्स को हटा दिया गया है। इस निर्णय ने नवदीप सिंह और योगेश कथुनिया जैसे खिलाड़ियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि ये इवेंट उनके करियर का आधार थे.


खिलाड़ियों की निराशा

नवदीप सिंह ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान इस समय वर्ल्ड चैंपियनशिप पर है और वह इस बारे में बाद में सोचेंगे। वहीं, योगेश कथुनिया ने हैरानी जताते हुए कहा, "मुझे सचमुच नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ।" दोनों खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं इस बात को दर्शाती हैं कि यह निर्णय उनके लिए अप्रत्याशित और दुखदायी है.