Newzfatafatlogo

प्रतापगढ़ में राजा उदय प्रताप सिंह को मोहर्रम से पहले हाउस अरेस्ट किया गया

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मोहर्रम के अवसर पर भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया है। यह कार्रवाई पिछले विवादों के चलते की गई है, जिसमें प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए उन्हें और उनके 12 सहयोगियों को नजरबंद किया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और प्रशासन की सख्त कार्रवाई के पीछे के कारण।
 | 
प्रतापगढ़ में राजा उदय प्रताप सिंह को मोहर्रम से पहले हाउस अरेस्ट किया गया

राजा उदय प्रताप सिंह की नजरबंदी

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मोहर्रम के आगमन से पहले, भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह, जो पूर्व कैबिनेट मंत्री और जनसत्तादल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया के पिता हैं, को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया है। शनिवार सुबह 5 बजे से लेकर रविवार रात 9 बजे तक उन्हें और उनके 12 सहयोगियों को नजरबंद किया गया।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने भोर में भदरी महल के मुख्य गेट पर नजरबंदी का नोटिस चस्पा किया और पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया। यह कार्रवाई एसडीएम कुंडा वाचस्पति सिंह के आदेश पर की गई है ताकि मोहर्रम के दिन शांति भंग न हो।


2015 से चल रहा विवाद

यह मामला 2015 से चल रहा है, जब मोहर्रम के दिन शेखपुर आशिक गांव के बजरंगबली मंदिर पर हनुमान चालीसा पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया था, जिसे मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया था। तब से प्रशासन हर साल राजा उदय प्रताप सिंह को मोहर्रम के मौके पर नजरबंद करता आ रहा है ताकि वे मंदिर न पहुंच सकें।


सहयोगियों की नजरबंदी

इस बार उनके साथ जिन 12 अन्य लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया है, उनमें जितेंद्र यादव, आनंद पाल, रमाकांत, रवि सिंह (कुंडा बार अध्यक्ष), वरिष्ठ अधिवक्ता हनुमान प्रसाद पांडेय और अन्य शामिल हैं। एएसपी संजय राय ने रविवार को शांति व्यवस्था को लेकर दूसरे जनपदों से आए पुलिस और पीएसी के जवानों को गजराजा प्लाजा में ब्रीफ किया और उन्हें सख्त निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था न बिगड़े।


नजरबंदी का समय

इस बार प्रशासन ने पहले से 12 घंटे ज्यादा समय के लिए नजरबंद किया है, जबकि पिछले वर्षों में उन्हें सिर्फ मोहर्रम की पूर्व संध्या से लेकर अगले दिन सुबह तक ही रोका जाता था। इस बदलाव को लेकर स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। SDM कुंडा वाचस्पति सिंह ने स्पष्ट किया कि यह कदम शांति बनाए रखने और संभावित विवाद से बचने के लिए उठाया गया है ताकि त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।