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प्रधानमंत्री की सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से उद्यमियों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, जो केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। हरियाणा सरकार इस योजना के माध्यम से उद्यमियों को विशेष लाभ पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। उपायुक्त मुनीश शर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न सुविधाओं के लिए सब्सिडी और ऋण प्रदान किया जा रहा है। यह योजना न केवल सूक्ष्म उद्योगों को सशक्त बनाएगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। जानें इस योजना के बारे में और कैसे आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
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प्रधानमंत्री की सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से उद्यमियों को मिलेगा लाभ

हरियाणा में सूक्ष्म खाद्य उद्योगों का विकास


(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में, इस क्षेत्र में विशेष ध्यान दे रही है।


योजना के लाभार्थी

उपायुक्त मुनीश शर्मा ने बताया कि इस योजना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत एफपीओ, एसएचजी, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों और सहकारी समितियों को लाभ पहुंचाया जा सकता है।


सरकारी सहायता

मुनीश शर्मा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा फूड प्रोसेसिंग और अन्य सुविधाओं जैसे सोर्टिंग-ग्रेडिंग, वेयरहाउस, फार्म-गेट कोल्डस्टोर्स, और सामान्य प्रसंस्करण सुविधाओं के लिए 35 प्रतिशत तक सब्सिडी और 3 करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है। इसका उद्देश्य 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सहायता देकर उनका विकास करना है।


आर्थिक योगदान

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। ये उद्योग न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक सप्लाई और वैल्यू चैन को भी मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।


रोजगार के अवसर

इस योजना से सूक्ष्म उद्योगों को मजबूती मिल रही है और नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। एक विकसित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र अपव्यय को कम करने में मदद करता है और खाद्य सुरक्षा तथा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जीडीपी और रोजगार में योगदान देता है।