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प्रधानमंत्री मोदी का 2025 के लिए विकास का दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 के लिए भारत की विकास यात्रा पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। उन्होंने सुधारों की प्रक्रिया को जारी रखने का आश्वासन दिया और देशवासियों से अपील की कि वे इस यात्रा में विश्वास बनाए रखें। मोदी ने मध्यम वर्ग को दी गई राहत, जीएसटी में सुधार और युवा आबादी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। जानें उनके दृष्टिकोण और भारत के भविष्य के लिए उनकी योजनाओं के बारे में।
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प्रधानमंत्री मोदी का 2025 के लिए विकास का दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री का संदेश

नई दिल्ली: वर्ष 2025 के अंत में पहुंचने के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रगति और भविष्य की दिशा पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्ष भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, जिसमें पिछले 11 वर्षों में किए गए सुधारों को आगे बढ़ाया जाएगा और इसे एक निरंतर राष्ट्रीय मिशन में परिवर्तित किया जाएगा। इस दौरान, देश में संस्थानों का आधुनिकीकरण, शासन प्रणाली का सरलीकरण और टिकाऊ विकास की मजबूत नींव रखी गई है।


सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी

प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि आने वाले वर्षों में सुधारों की यह प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने देशवासियों, विदेशी निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे भारत की विकास यात्रा में विश्वास बनाए रखें और इसमें अपनी भागीदारी को और मजबूत करें। यह बयान आम बजट से लगभग दो महीने पहले आया है, जिससे इसके राजनीतिक और आर्थिक महत्व में वृद्धि होती है।


भारत की वैश्विक पहचान

सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने संदेश में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए वैश्विक स्तर पर सराहना मिल रही है। उन्होंने भारतीय लोगों की नवाचार की भावना और आगे बढ़ने की इच्छा की सराहना की, जिसके कारण भारत आज वैश्विक मंच पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने मुख्य सचिवों के साथ हाल ही में हुई बैठक का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार जनसंख्या को मानव पूंजी के रूप में विकसित करने पर लगातार काम कर रही है।


सुधार एक्सप्रेस पर सवार भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब 'सुधार एक्सप्रेस' पर सवार हो चुका है, जिसका सबसे बड़ा इंजन देश की युवा आबादी, उनकी ऊर्जा और साहस है। उन्होंने बताया कि सुधारों का उद्देश्य नागरिकों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना, उद्यमियों को नवाचार करने का अवसर देना और संस्थानों को पारदर्शिता के साथ कार्य करने योग्य बनाना है।

उन्होंने जीएसटी और बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति जैसे महत्वपूर्ण सुधारों का उल्लेख किया। जीएसटी में केवल पांच और 18 प्रतिशत के दो प्रमुख स्लैब लागू होने से आम परिवारों, छोटे व्यापारियों, किसानों और मध्यम उद्योगों पर कर का बोझ कम हुआ है।


मध्यम वर्ग को राहत

प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यम वर्ग को दी गई राहत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहली बार सालाना 12 लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह से आयकर से मुक्त किया गया है। इसके साथ ही, 1961 के पुराने आयकर कानून की जगह एक सरल और आधुनिक आयकर अधिनियम 2025 लाया गया है। उन्होंने नए श्रम कानूनों, छोटे उद्योगों की परिभाषा में बदलाव, समुद्री कानूनों, मुक्त व्यापार समझौतों और परमाणु ऊर्जा व शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री के अनुसार, ये सभी कदम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं।