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प्रधानमंत्री मोदी का 77वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित करेंगे। यह उनका 12वां संबोधन है, जिसमें वे राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर जोर देंगे। इस बार का भाषण पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में विशेष महत्व रखता है। जानें, क्या खास होगा इस बार के भाषण में।
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प्रधानमंत्री मोदी का 77वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक संबोधन

स्वतंत्रता दिवस का जश्न और प्रधानमंत्री का संबोधन

देश 77वें स्वतंत्रता दिवस के उत्सव में मग्न है। इस खास मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से देशवासियों को संबोधित करेंगे। यह उनका लगातार 12वां मौका है जब वे लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जो उनकी स्थिरता और देश के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


इस स्वतंत्रता दिवस का महत्व प्रधानमंत्री मोदी के लिए विशेष है, क्योंकि यह पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में उनका पहला संबोधन होगा। रक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे गए निमंत्रणों में 'ऑपरेशन सिंदूर' को मुख्य विषय बनाया गया है। 7 मई को पहलगाम में हुए इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। ऐसे में, प्रधानमंत्री के भाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और सैनिकों की बहादुरी पर जोर देने की उम्मीद है।


प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषणों के माध्यम से कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है। उनके शुरुआती वर्षों में स्वच्छता, जनसांख्यिकीय लाभांश और कौशल विकास जैसे विषय प्रमुख रहे। बाद में, उन्होंने तकनीकी विकास और आत्म-निर्भरता पर जोर दिया। इस बार, 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में, राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित होने की संभावना है।