प्रधानमंत्री मोदी का ऑपरेशन सिंदूर पर जोरदार भाषण: सेना की वीरता का प्रतीक

प्रधानमंत्री का लोकसभा में संबोधन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की बहादुरी और देश की एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में 140 करोड़ भारतीय नागरिकों ने सरकार और सेना के साथ मिलकर जो समर्थन दिया, वह भारत की लोकतांत्रिक ताकत और राष्ट्रभक्ति का जीवंत उदाहरण है। मोदी ने कहा, "देशवासियों का मुझ पर जो विश्वास है, वह मेरे लिए एक कर्ज के समान है और मैं उनके सहयोग के लिए दिल से आभारी हूं।"
22 अप्रैल की आतंकवादी घटना पर टिप्पणी
प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और इसे मानवता के खिलाफ एक घृणित अपराध करार दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाईं, जिसका उद्देश्य देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। मोदी ने कहा, "भारत को बांटने की साजिश की गई थी, लेकिन देशवासियों ने एकजुट होकर इसे विफल कर दिया।"
सेना को दी गई खुली छूट
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल की घटना के बाद उन्होंने विदेश यात्रा से तुरंत लौटकर उच्चस्तरीय बैठक में भाग लिया। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि आतंकवादियों को कठोरतम जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा, "सेना को कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गई है, कब, कहां और कैसे यह तय करने का अधिकार पूरी तरह सेना को सौंपा गया है।" मोदी ने भारतीय सेना की शक्ति पर भरोसा जताया और कहा कि सेना ने यह साबित किया है कि वे देश की सुरक्षा के लिए हर मोर्चे पर तैयार हैं।
तेज़ और सटीक जवाब की रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने पहली बार ऐसी रणनीति अपनाई, जिसमें आतंकी ठिकानों को सीधे लक्ष्य बनाकर 22 मिनट के भीतर जवाबी कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को इस बात की भनक पहले ही लग गई थी और वहीं से परमाणु धमकियों का सिलसिला शुरू हुआ। "लेकिन भारत डरा नहीं, झुका नहीं और सेना ने 6 मई की रात को आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया कि आज भी उनके आकाओं की नींद उड़ी हुई है।"
भारतीय सेना को समर्पित विजयोत्सव
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद सत्र की शुरुआत में इसे "भारत का विजयोत्सव" कहा था और यह विजयोत्सव भारतीय सेना के साहस, पराक्रम और त्याग को समर्पित है। उन्होंने कहा, "यह हमारी सेना की बहादुरी का पर्व है, जिन्होंने भारत की सुरक्षा में अपना सब कुछ झोंक दिया। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की रक्षा नीति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।"