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प्रधानमंत्री मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा: चेनाब ब्रिज और वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां वे चेनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। यह पुल न केवल इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि कश्मीर में पर्यटन और व्यापार के लिए नए अवसर भी प्रदान करेगा। हाल ही में हुए आतंकी हमले के बावजूद, यह परियोजना क्षेत्र में विकास और स्थिरता का प्रतीक बनकर उभरी है। वंदे भारत ट्रेन सेवा की शुरुआत भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कश्मीर की नई पहचान को स्थापित करने में मदद करेगी।
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प्रधानमंत्री मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा: चेनाब ब्रिज और वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे, जहां वे चेनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इसके साथ ही कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन सेवा की शुरुआत भी होगी। यह पहल न केवल इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि कश्मीर में पर्यटन और व्यापार के लिए नए अवसर भी प्रदान कर सकती है।


आतंकवाद के बीच उम्मीद की किरण

हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल बना दिया था। ऐसे में यह परियोजना एक सकारात्मक संकेत के रूप में उभरी है, जो पर्यटन को पुनर्जीवित करने और स्थानीय निवासियों के लिए नए अवसर पैदा करने में सहायक होगी।


चेनाब ब्रिज: एक इंजीनियरिंग चमत्कार

चेनाब ब्रिज: इंजीनियरिंग का चमत्कार


चेनाब ब्रिज, जो 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है। यह पुल एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊँचा है और इसके निर्माण में दो दशकों से अधिक का समय लगा। इसकी लंबाई 1.31 किलोमीटर है और इसमें लगभग 28,660 मेगाटन स्टील का उपयोग किया गया है, जिसकी लागत 1,486 करोड़ रुपये है।


भूगर्भीय चुनौतियों का सामना

इस पुल का निर्माण भूगर्भीय और जलवायु की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए किया गया था। इसे 266 किमी/घंटा की गति वाली हवाओं और तीव्र भूकंप को सहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यदि कोई खंभा क्षतिग्रस्त हो जाए, तो भी ट्रेनों की आवाजाही कम गति से संभव रहेगी।


रेलवे नेटवर्क का महत्व

रेलवे नेटवर्क और रणनीतिक महत्व


चेनाब ब्रिज उस रेलवे लिंक का हिस्सा है जो जम्मू को कश्मीर से जोड़ता है और यह भारत के सबसे कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में से एक से गुजरता है। यह 272 किलोमीटर लंबी परियोजना भारत की सबसे जटिल रेल योजनाओं में से एक मानी जाती है, जिसमें 943 पुल और 36 सुरंगें शामिल हैं।


विकास का संदेश

आतंक के विरुद्ध विकास का संदेश


19 अप्रैल को प्रधानमंत्री का यह दौरा पहले से निर्धारित था, लेकिन पहलगाम में आतंकी हमले के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। फिर भी, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आतंकवाद विकास की योजनाओं को नहीं रोक सकता। उद्घाटन के दो महीने के भीतर इसे क्रियान्वित करना इस बात का प्रमाण है।


उम्मीदों की नई शुरुआत

उम्मीदों की रेलगाड़ी


कश्मीर के लिए विशेष रूप से बनाई गई वंदे भारत ट्रेन में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। इसमें शीतकालीन चुनौतियों का सामना करने के लिए हीटिंग सिस्टम और सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं। यह पुल और ट्रेन सेवा न केवल भौगोलिक दूरी को कम करेगी, बल्कि विकास और समृद्धि का नया अध्याय भी शुरू करेगी, जो आतंकवाद के खिलाफ कश्मीर की नई पहचान को स्थापित करेगी।