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प्रधानमंत्री मोदी का जीएसटी में बड़ा बदलाव, दिवाली पर डबल खुशियाँ

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से जीएसटी में बड़े बदलाव की घोषणा की है, जिससे इस साल दिवाली पर डबल खुशियाँ मनाई जाएंगी। जीएसटी कौंसिल को दरों में कटौती का निर्णय लेना है, जो राज्यों के राजस्व पर प्रभाव डालेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इसका राजनीतिक लाभ किसे मिलेगा। यदि महंगाई में कमी आती है, तो इसका श्रेय मोदी को जाएगा। जानें इस बदलाव के संभावित प्रभाव और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य।
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प्रधानमंत्री मोदी का जीएसटी में बड़ा बदलाव, दिवाली पर डबल खुशियाँ

जीएसटी में संभावित बदलाव

प्रधानमंत्री ने लाल किले से घोषणा की है कि जीएसटी में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है, जिससे इस साल दिवाली पर डबल खुशियाँ मनाई जाएंगी। अब जीएसटी कौंसिल को इस पर निर्णय लेना है और दरों को तर्कसंगत बनाना है। जीएसटी में कटौती का प्रभाव राज्यों के राजस्व पर भी पड़ेगा, जिससे उनका राजस्व घट सकता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी की दरों में कमी से अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा, क्योंकि इससे लोगों के पास अधिक पैसे बचेंगे, जो फिर से बाजार में आएंगे। एक अध्ययन के अनुसार, यदि 12 प्रतिशत का जीएसटी स्लैब समाप्त कर दिया जाए और 99 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं को 5 प्रतिशत के दायरे में लाया जाए, तो देश की जीडीपी में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।


राजनीतिक प्रभाव और लाभ

हालांकि, जीडीपी में वृद्धि के साथ जीएसटी राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी, लेकिन यह तुरंत नहीं होगा। दरों में कमी से होने वाली कमी की भरपाई हो जाएगी, जिससे स्थिति स्थिर बनी रहेगी। अब सवाल यह है कि इसका राजनीतिक लाभ किसे मिलेगा? यदि जीएसटी की दरों में कमी से महंगाई में कमी आती है, तो इसका पूरा श्रेय नरेंद्र मोदी को जाएगा और इसका लाभ केवल भाजपा को मिलेगा।


जब प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से जीएसटी में बदलाव और डबल दिवाली की घोषणा की है, तो राज्य सरकारें या वहां की सत्तारूढ़ पार्टियाँ इसका श्रेय कैसे ले पाएंगी? संदेश यही होगा कि मोदी ने जीएसटी की दरें घटाईं और इससे महंगाई कम हुई। पहले भाजपा कहती थी कि प्रादेशिक पार्टियाँ इसे करने नहीं दे रही हैं, तो क्या अब कटौती होने पर भाजपा कहेगी कि प्रादेशिक पार्टियों के समर्थन से यह संभव हुआ?