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प्रधानमंत्री मोदी का पत्र: जीएसटी सुधारों के साथ 'मेड इन इंडिया' उत्पादों का समर्थन करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी सुधारों के लागू होने पर एक पत्र में नागरिकों से 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को खरीदने और समर्थन देने की अपील की है। उन्होंने बताया कि जीएसटी की कम दरें हर परिवार के लिए अधिक बचत का प्रतीक हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि रोजमर्रा की आवश्यक चीजें अब सस्ती होंगी। जानें इस पत्र में और क्या कहा गया है और कैसे ये सुधार समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाएंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी का पत्र: जीएसटी सुधारों के साथ 'मेड इन इंडिया' उत्पादों का समर्थन करें

प्रधानमंत्री का पत्र

PM मोदी का पत्र: जीएसटी सुधारों के लागू होने के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक पत्र में नागरिकों से 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को खरीदने और बेचने की अपील की। उन्होंने कहा कि जीएसटी की कम दरें हर परिवार के लिए अधिक बचत और व्यवसायों के लिए सुगमता का प्रतीक हैं। मोदी ने यह भी बताया कि इन सुधारों का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिलेगा, चाहे वे किसान हों, महिलाएं, युवा, गरीब, मध्यम वर्ग, व्यापारी या एमएसएमई।


मोदी ने पत्र में कहा, इस त्योहारी मौसम में हम सभी को भारत में निर्मित उत्पादों का समर्थन करने का संकल्प लेना चाहिए। इसका अर्थ है स्वदेशी उत्पादों को खरीदना, जिनके निर्माण में किसी भारतीय का श्रम और पसीना लगा हो, चाहे उनका ब्रांड या कंपनी कुछ भी हो। उन्होंने दुकानदारों और व्यापारियों से भी अपील की कि वे भारत में बने उत्पादों को बेचें। आइए, गर्व से कहें कि हम जो खरीदते हैं, वह स्वदेशी है।




रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती


प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में बताया कि रोजमर्रा की आवश्यक चीजें जैसे खाना, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट, बीमा और अन्य वस्तुएं अब या तो कर-मुक्त होंगी या सबसे निचले 5% टैक्स स्लैब में आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिन वस्तुओं पर पहले 12% टैक्स लगता था, अब लगभग पूरी तरह से 5% हो गया है। यह देखकर खुशी होती है कि विभिन्न दुकानदार और व्यापारी 'तब और अब' के बोर्ड लगा रहे हैं, जो सुधारों से पहले और बाद के करों को दर्शाते हैं।


जीएसटी 2.0 लागू


अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें 5% और 18% की दो स्लैब होंगी। रोजमर्रा की जरूरत की चीजें जैसे खाना, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट, बीमा और कई अन्य वस्तुएं अब या तो कर-मुक्त होंगी या सबसे कम 5% कर स्लैब में आएंगी। जिन वस्तुओं पर पहले 12% कर लगता था, उन पर लगभग पूरी तरह से 5% कर लगेगा।