प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक भाषण
प्रधानमंत्री का संबोधन
देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर तिरंगा फहराने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने आतंकवाद, सिंधु जल समझौता, आत्मनिर्भरता, मेड इन इंडिया, नक्सलवाद और अवैध घुसपैठियों जैसे मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। मोदी ने कहा कि भारत के किसान, पशुपालक और मछुआरे हमारी प्राथमिकता हैं, और किसी भी नकारात्मक नीति के खिलाफ वह एक दीवार की तरह खड़े रहेंगे। भारत अपने किसानों और मछुआरों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री ने जीएसटी की दरों और रोजगार योजनाओं की घोषणा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख किया। उन्होंने गर्व से कहा कि आज से 100 साल पहले इस संगठन की स्थापना हुई थी, जिसने राष्ट्र की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आरएसएस का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण है, और यह दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं: ऑपरेशन सिंदूर में सेना को खुली छूट दी गई। उन्होंने कहा, 'आज मुझे लाल किले से ऑपरेशन सिंदूर के वीर सैनिकों को सलाम करने का अवसर मिला है। हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।' उन्होंने पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए गए कत्लेआम का जिक्र करते हुए कहा कि पूरा हिंदुस्तान आक्रोशित था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।
उन्होंने सिंधु जल समझौते पर भी बात की, जिसमें भारत का पानी दुश्मनों की धरती को सींच रहा है। मोदी ने कहा कि अब हम आतंक और आतंकियों को अलग नहीं मानते। भारत ने तय किया है कि परमाणु धमकियों को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें अपनी लकीर लंबी करनी है, न कि किसी की लकीर छोटी करने में ऊर्जा बर्बाद करनी है।
प्रधानमंत्री ने मोटापे की समस्या पर भी चिंता जताई और सुझाव दिया कि परिवारों को खाना पकाने के तेल का उपयोग 10 प्रतिशत कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अपना मेड इन इंडिया जेट इंजन विकसित करना चाहिए और 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।