प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण: जम्मू-कश्मीर पर विशेष ध्यान

प्रधानमंत्री का भाषण और सुझाव
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से अपने भाषण के लिए सुझाव इकट्ठा करते हैं। देशभर से लोगों की राय ली जाती है कि उन्हें अपने संबोधन में क्या शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, मोदी हर महीने रेडियो पर प्रसारित होने वाले 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए भी सुझाव मांगते हैं। इस बार, बताया जा रहा है कि भाषण का मुख्य फोकस जम्मू-कश्मीर पर होगा।
जम्मू-कश्मीर पर ध्यान केंद्रित करने के कारण
जानकारों के अनुसार, पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला स्वतंत्रता दिवस है, इसलिए देशवासियों की इच्छा है कि प्रधानमंत्री इस विषय पर बात करें। इसके अलावा, सरकार और प्रधानमंत्री स्वयं भी चाहते हैं कि सेना की वीरता और भारत की सैन्य शक्ति के बारे में संदेश दिया जाए। इस बार का भाषण सेना के साहस और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर केंद्रित होगा।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश
प्रधानमंत्री आतंकवाद के खिलाफ अपनी बात रखेंगे और यह स्पष्ट करेंगे कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया जाएगा, लेकिन इशारा स्पष्ट होगा। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के संबंध में भी कोई महत्वपूर्ण घोषणा की जा सकती है। उप राज्यपाल की रिपोर्ट सरकार को प्राप्त हो चुकी है, जो इस दिशा में संकेत देती है।