प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा: एससीओ शिखर सम्मेलन में भागीदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे। यह उनकी सात वर्षों में पहली यात्रा होगी। इस सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण की एकजुटता को प्रदर्शित करने और रूस को एक नया कूटनीतिक मंच प्रदान करने की उम्मीद है। मोदी के साथ व्लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे, और इस सम्मेलन का उद्देश्य आतंकवाद और उग्रवाद जैसी समस्याओं का सामना करना है। जानें इस यात्रा का भारत के लिए क्या महत्व है।
Aug 26, 2025, 14:24 IST
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प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह तियानजिन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा करेंगे। यह उनकी सात वर्षों में पहली बार चीन जाने की यात्रा होगी। इस सम्मेलन की मेज़बानी राष्ट्रपति शी जिनपिंग करेंगे, और इससे वैश्विक दक्षिण की एकजुटता को प्रदर्शित करने, रूस को एक और कूटनीतिक मंच प्रदान करने और बीजिंग के बढ़ते प्रभाव को उजागर करने की उम्मीद है।
सम्मेलन की तैयारियाँ
सूत्रों के अनुसार, शी जिनपिंग व्यक्तिगत रूप से नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन का स्वागत करेंगे, जो वैश्विक दक्षिण की एकजुटता का एक महत्वपूर्ण संकेत होगा। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के अलावा मध्य एशिया, मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के कई नेता भी आमंत्रित हैं। यह सम्मेलन 31 अगस्त और 1 सितंबर को तियानजिन में आयोजित होगा। हाल ही में नई दिल्ली में रूसी अधिकारियों ने भारत, चीन और रूस के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की संभावनाओं का उल्लेख किया।
भारत के लिए महत्व
भारत के लिए यह एससीओ शिखर सम्मेलन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि नई दिल्ली बीजिंग के साथ संबंधों में सुधार बनाए रखना चाहती है, जो 2020 के सीमा संघर्षों के बाद से आया है। समाचार स्रोतों के अनुसार, विश्लेषकों को विश्वास-निर्माण के लिए और कदम उठाने की उम्मीद है, जिसमें सैनिकों की वापसी, व्यापार बाधाओं में कमी और नए सहयोग क्षेत्रों का समावेश शामिल है। विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए तियानजिन जाएंगे।
एससीओ का उद्देश्य
एससीओ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी समस्याओं का सामना करना है, जो आज भी एक चुनौती बनी हुई हैं। एससीओ में 10 सदस्य देश शामिल हैं, जिनमें भारत, बेलारूस, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। तियानजिन में होने वाले 25वें एससीओ शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम में 31 अगस्त की शाम को एक स्वागत भोज भी शामिल है।