प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद और व्यापार पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी घाना और त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा के बाद ब्राजील में कदम रखा है। वे रियो डी जेनेरियो में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और व्यापार शुल्कों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन में चीन और रूस के नेता शामिल नहीं होंगे, फिर भी भारत का एजेंडा स्पष्ट है। जानें इस यात्रा के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
Jul 6, 2025, 15:07 IST
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प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी घाना और त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पूरी करने के बाद रविवार को ब्राजील में कदम रखा। वे रियो डी जेनेरियो में आयोजित होने वाले 2025 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस वर्ष का सम्मेलन विशेष है क्योंकि इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं होंगे। फिर भी, इस बैठक का एजेंडा काफी महत्वपूर्ण है।
मोदी की यात्रा का विवरण
ब्राजील, प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का चौथा स्थान है, जो 2 जुलाई से शुरू हुई थी। उन्होंने पहले घाना और फिर त्रिनिदाद और टोबैगो का दौरा किया। इसके बाद, वे अर्जेंटीना पहुंचे, जो पिछले 50 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। अब ब्राजील से, उनका अगला गंतव्य नामीबिया होगा, जहां उनका यह लंबा राजनयिक दौरा समाप्त होगा।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का एजेंडा
प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता है कि ब्रिक्स देशों का समूह आतंकवाद की निंदा करे। रियो डी जेनेरियो में जारी होने वाले ब्रिक्स घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की उम्मीद है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
भारत ने इस हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी:
जलवायु वित्त: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तीय सहायता।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर सहयोग: AI के क्षेत्र में सामूहिक प्रयास।
नई स्वास्थ्य पहल: स्वास्थ्य क्षेत्र में असमानता कम करने के लिए नई योजनाएं।
राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार: भारत का जोर है कि देश आपस में अपनी मुद्रा में व्यापार करें, जिससे अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम हो।
ब्रिक्स देशों की प्रतिक्रिया
रविवार को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स नेताओं की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापार शुल्कों की निंदा की जाने की संभावना है। इन शुल्कों को अवैध बताया जाएगा और कहा जाएगा कि ये वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शिखर सम्मेलन के मसौदा बयान के अनुसार, ये उभरते हुए देश, जो दुनिया की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, अमेरिकी आयात शुल्कों को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त करने के लिए एकजुट हो गए हैं।
मसौदा में सीधे तौर पर अमेरिका या उसके राष्ट्रपति का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन बातचीत में बदलाव की संभावना है।
मसौदा में कहा गया है, 'हम एकतरफा टैरिफ और ऐसे गैर-टैरिफ उपायों के बढ़ने पर गंभीर चिंता जताते हैं जो व्यापार को खराब करते हैं और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के खिलाफ हैं।' यह चेतावनी दी गई है कि ऐसे कदम वैश्विक व्यापार को और कम करने की धमकी देते हैं और वैश्विक आर्थिक विकास की संभावनाओं को प्रभावित कर रहे हैं।