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प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात: योग दिवस का वैश्विक प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में योग दिवस की भव्यता और इसके वैश्विक प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह पहल अब एक जनांदोलन बन चुकी है। इस बार की थीम 'एक पृथ्वी - एक स्वास्थ्य' थी। पीएम मोदी ने विभिन्न स्थानों पर मनाए गए योग दिवस के क्षणों को साझा किया और आपातकाल की कड़वी यादों को भी याद किया। जानें उनके विचार और संदेश।
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प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात: योग दिवस का वैश्विक प्रभाव

प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 123वें एपिसोड में योग दिवस की भव्यता और इसके वैश्विक प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "आप सभी इस समय योग की ऊर्जा और 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' की यादों से भरे होंगे।" इस अवसर पर उन्होंने यह भी बताया कि यह पहल, जो 10 साल पहले शुरू हुई थी, अब एक जनांदोलन बन चुकी है, जो हर साल पहले से भी अधिक भव्यता के साथ मनाई जा रही है।


योग का संदेश: एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य

पीएम मोदी ने बताया कि इस बार की थीम थी 'Yoga for One Earth, One Health', जिसका अर्थ है 'एक पृथ्वी - एक स्वास्थ्य'। उन्होंने कहा, "यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह एक दिशा है जो हमें 'वसुधैव कुटुंबकम' का एहसास कराती है।"


भारत और विश्व में योग का उत्सव

पीएम मोदी ने विभिन्न स्थानों पर मनाए गए योग दिवस के विशेष क्षणों को साझा किया। उन्होंने कहा कि हिमालय की चोटियों से लेकर समुद्र तटों तक योग की सुंदरता फैली हुई थी। उन्होंने उल्लेख किया कि वडनगर में 2121 लोगों ने एक साथ भुजंगासन कर नया रिकॉर्ड बनाया। न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो और पेरिस जैसे शहरों में भी योग का उत्साह देखा गया।


योग: सशक्तिकरण का माध्यम

तेलंगाना में 3000 दिव्यांगों ने एक साथ योग शिविर में भाग लिया, जिसे पीएम मोदी ने प्रेरणादायक उदाहरण बताया। दिल्ली में यमुना किनारे पर योग करते हुए लोगों ने पर्यावरण और स्वास्थ्य को जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया। उन्होंने कहा, 'हमारे नौसेना के जहाजों पर भी योग की भव्यता दिखाई दी।'


आपातकाल की कड़वी यादें

पीएम मोदी ने कार्यक्रम में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या की गई और भारत के लोगों को परेशान किया गया।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि, 'जो आपातकाल थोपने वाले थे, वे आज पराजित हो गए हैं।'


धार्मिक यात्राओं का महत्व

पीएम मोदी ने देश की प्रमुख धार्मिक यात्राओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है, तो सबसे पहले मन में आता है – चलो, बुलावा आया है।" उन्होंने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से लेकर उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम की यात्राओं को 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का प्रतीक बताया।


सावन के महीने का स्वागत

अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा, 'कुछ ही दिन में सावन का पवित्र महीना आने वाला है। मैं यात्राओं पर जा रहे सभी सौभाग्यशाली श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।'