प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन मोदी की जयंती: संघर्ष और समर्पण की कहानी

प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन मोदी का जीवन
हीराबेन मोदी की जयंती: आज, 18 जून को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का जन्मदिन है। उनका जन्म 18 जून 1923 को मेहसाणा में हुआ था। 30 दिसंबर 2022 को उनका निधन हो गया। अपने जीवन के सौ वर्षों में उन्होंने अनेक कठिनाइयों का सामना किया। हीराबेन का विवाह दामोदरदास मूलचंद मोदी से हुआ, जो अपने परिवार का भरण-पोषण चाय बेचकर करते थे। उनके छह संतानें थीं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। नरेंद्र मोदी तीसरे नंबर के बच्चे हैं। उनके अलावा अमृत मोदी, पंकज मोदी, प्रह्लाद मोदी, सोमा मोदी और बेटी वसंती बेन, हंसमुखलाल मोदी हैं।
पीएम मोदी की मां की जयंती के अवसर पर, X पर @modiarchive नामक उपयोगकर्ता ने पीएम मोदी और उनकी मां की कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की हैं, जो उनके गहरे रिश्ते को दर्शाती हैं। आइए, आज हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं।
We pay our tributes to Narendra Modi’s mother Hiraben Modi, on her birth anniversary today. pic.twitter.com/ckMCW0iV05
— Modi Archive (@modiarchive) June 18, 2025
हीराबेन का शिक्षा और संघर्ष
कभी स्कूल नहीं गईं हीराबेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने कभी औपचारिक शिक्षा नहीं ली, लेकिन वे कला और शिल्प में बहुत कुशल थीं। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने अपने घर को सुंदरता से सजाया। पीएम मोदी ने इस साल जून में उनके 100वें जन्मदिन पर एक ब्लॉग में इस बारे में लिखा था कि दामोदरदास मूलचंद मोदी, जो मेहसाणा के वडनगर में चाय की दुकान चलाते थे।
हीराबेन की मृत्यु के बाद, उनके ऊपर पांच बेटों और एक बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई। उन्होंने गरीबी के बीच दूसरों के घरों में काम करके अपने बच्चों को पढ़ाया। जब पीएम मोदी बड़े हुए, तो उन्होंने अपनी मां के साथ यह जिम्मेदारी साझा की।
पीएम मोदी का भावुक अनुभव
…जब मां के संघर्षों को याद कर भावुक हुए पीएम मोदी
हीराबेन मोदी ने अपने पति दामोदरदास मोदी की मृत्यु के बाद अपने जीवन में छह बच्चों की परवरिश के लिए कई संघर्ष किए। पीएम मोदी ने कई बार अपनी मां के संघर्षों की कहानियां साझा की हैं।
2015 में अमेरिका यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग से बातचीत करते हुए अपनी मां के संघर्षों के बारे में बताया कि, 'मेरे पिता की मृत्यु के बाद, मेरी मां हमें पालने के लिए दूसरों के घरों में बर्तन धोने और पानी भरने जाती थीं।' इस दौरान पीएम मोदी भावुक हो गए थे।