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प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS शिखर सम्मेलन में आतंकवाद और वैश्विक शासन सुधार पर जोर दिया

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और वैश्विक शासन में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को मानवता पर हमला बताते हुए, BRICS देशों से आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह किया। मोदी ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, यह कहते हुए कि ग्लोबल साउथ की आवाज़ को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS शिखर सम्मेलन में आतंकवाद और वैश्विक शासन सुधार पर जोर दिया

BRICS शिखर सम्मेलन में भारत का मजबूत पक्ष

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति, सुरक्षा और वैश्विक शासन में सुधार के मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले को अमानवीय और कायरतापूर्ण करार देते हुए कहा कि यह हमला केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर है।


आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा, "हाल ही में भारत को पहलगाम में एक अमानवीय और कायराना आतंकी हमले का सामना करना पड़ा। यह हमला मानवता के खिलाफ था।" उन्होंने BRICS देशों से आग्रह किया कि वे आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट और एकजुट रुख अपनाएं।


आतंकवाद के समर्थन पर कड़ा संदेश

मोदी ने कहा, "यदि कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी चाहिए।" उनका यह बयान उन ताकतों के लिए एक कड़ा संदेश है जो आतंकवाद का समर्थन करती हैं।


वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता

प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया, यह कहते हुए कि ग्लोबल साउथ की आवाज़ को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने जलवायु वित्त, सतत विकास और तकनीकी पहुंच जैसे मुद्दों पर वास्तविक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।


भारत की शांति और भाईचारे की प्रतिबद्धता

अपने संबोधन में, मोदी ने भारत की ओर से विश्व शांति और भाईचारे के मूल्यों को दोहराया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "BRICS सम्मेलन में 'शांति, सुरक्षा और वैश्विक शासन सुधार' विषयक सत्र में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। विश्व शांति और सुरक्षा हमारे साझा भविष्य की नींव हैं।"