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प्रधानमंत्री मोदी ने GST 2.0 को बताया ऐतिहासिक सुधार, छोटे व्यापारियों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST 2.0 की घोषणा की, जिसे उन्होंने एक ऐतिहासिक सुधार बताया। इस नए कर प्रणाली में केवल दो टैक्स स्लैब होंगे, जिससे आम उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी। मोदी ने कहा कि इससे 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और यह नव-मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा। जानें इस सुधार के प्रमुख लाभ और इसके पीछे की सोच।
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GST 2.0 का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से लागू हुए GST 2.0 को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह केवल कर प्रणाली में बदलाव नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय के लिए बचत और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए इसे "जीएसटी बचत उत्सव" की शुरुआत के रूप में प्रस्तुत किया। उनका कहना है कि इससे न केवल आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि छोटे उद्योगों और व्यापारियों के लिए भी कारोबार करना आसान होगा।


प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि अब जीएसटी के तहत केवल दो टैक्स स्लैब – 5% और 18% रहेंगे। इससे कर प्रणाली और अधिक पारदर्शी और सरल हो गई है। उन्होंने बताया कि खाद्य सामग्री, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट और बीमा जैसी आवश्यक वस्तुएं या तो कर-मुक्त हो गई हैं या अब केवल 5% टैक्स स्लैब में आ गई हैं। पहले इन पर 12% टैक्स लगता था, जिससे आम आदमी की जेब पर बोझ पड़ता था।


उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले वर्षों में उनकी सरकार के प्रयासों से 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं, जो अब नव-मध्यम वर्ग का हिस्सा बन चुके हैं। इन सुधारों से 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत सीधे जनता के हाथ में पहुंचेगी, जिससे लोग अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे। यह बदलाव विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और छोटे व्यापारियों के लिए लाभकारी साबित होगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश वास्तव में एक टैक्स सिस्टम की ओर बढ़ चुका है। जीएसटी ने भारत को आर्थिक रूप से एकजुट किया है और करों की जटिलता को समाप्त कर दिया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दुकानदार 'तब और अब' के बोर्ड लगाकर लोगों को दिखा रहे हैं कि अब चीजें कितनी सस्ती हो गई हैं।