Newzfatafatlogo

प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने वाजपेयी की राष्ट्र सेवा को याद करते हुए एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। वाजपेयी का जीवन और उनके योगदान भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण रहे हैं। जानें उनके कार्यकाल और उपलब्धियों के बारे में।
 | 
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए एक पोस्ट में, पीएम ने वाजपेयी की राष्ट्र सेवा को याद करते हुए एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में स्थित 'सदैव अटल' स्मारक पर जाकर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, गजेंद्र सिंह शेखावत, जदयू सांसद संजय झा और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी उपस्थित थीं।


पीएम मोदी का संदेश

पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हैं। उनके समर्पण और सेवा भावना ने भारत की सर्वांगीण प्रगति के लिए प्रेरणा दी है। दिल्ली में 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्प अर्पित कर वाजपेयी की स्मृति को नमन किया गया। इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति रही।


वाजपेयी का जीवन और योगदान

भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक, अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में लंबी बीमारी के बाद हुआ। अपनी स्पष्ट वाणी, काव्यात्मक शैली और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले अटल जी ने भारत को नई दिशा दी। उनकी सादगी और सौम्य व्यक्तित्व ने लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई, जिससे वे आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।


तीन कार्यकाल के प्रधानमंत्री

अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। पहली बार 1996 में कुछ समय के लिए, और फिर 1998 से 2004 तक दो पूर्ण कार्यकाल पूरे किए। उनका जन्मदिन 25 दिसंबर को 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 2015 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।