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प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों और पूर्व राजनयिकों के साथ बैठक की, जिन्होंने हाल ही में 30 देशों की यात्रा की। इस यात्रा का उद्देश्य भारत के आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को वैश्विक स्तर पर उजागर करना था। प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इस बैठक में शामिल सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए और वैश्विक समुदाय से एकजुटता की अपील की।
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प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात

प्रधानमंत्री की बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की। ये प्रतिनिधिमंडल हाल ही में 30 से अधिक देशों की यात्रा पर गए थे, जिसका उद्देश्य भारत के आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को उजागर करना था। यह बैठक दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर आयोजित की गई।


प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, पूर्व सांसद और वरिष्ठ राजनयिक शामिल थे, जिन्होंने अपने विदेश यात्रा के दौरान विदेशी नेताओं के साथ बातचीत के अनुभव साझा किए।


ये प्रतिनिधिमंडल पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत की प्रतिक्रिया को उजागर करने के लिए भेजे गए थे। प्रत्येक समूह ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को रेखांकित करने और वैश्विक शांति के प्रति देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए प्रमुख राजधानियों का दौरा किया।


आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता



एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को प्रदर्शित करना और यह सुनिश्चित करना था कि वैश्विक समुदाय आतंकवाद पर भारत की एक आवाज सुने। यह यात्रा पाकिस्तान के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए एक बड़ा कदम है, जो सीमा पार आतंकवाद को कम करके कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना चाहता है।


प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व

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इस आउटरीच मिशन में 50 से अधिक लोग शामिल थे, जिनमें वर्तमान और पूर्व सांसद तथा पूर्व राजनयिक शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जेडी(यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी(एसपी) की सुप्रिया सुले ने किया। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखने के लिए विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा गया था।