प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों की आलोचना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में एक बयान में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में दोहरे मानदंडों की आलोचना की। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की कोशिश के संदर्भ में यह टिप्पणी की। मोदी ने पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते संबंधों पर भी चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और सभी देशों की संप्रभुता के सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया।
Jul 24, 2025, 18:39 IST
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प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में "दोहरे मानदंडों" की आलोचना करते हुए पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। यह टिप्पणी उन्होंने लंदन में अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर के साथ मीडिया के समक्ष की। मोदी ने पहलगाम हमले के संदर्भ में भारत को समर्थन देने के लिए स्टारमर का आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत तथा यूनाइटेड किंगडम (यूके) की सुरक्षा एजेंसियां आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण जैसे मामलों में सहयोग को और बढ़ाएंगी।
पाकिस्तान की बातचीत की कोशिश
पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की गुहार लगा रहा
दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की कोशिश के एक दिन बाद आई है। शरीफ ने कहा था कि इस्लामाबाद सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई दिल्ली के साथ "सार्थक बातचीत" करने को तैयार है। यह बयान उन्होंने ब्रिटिश उच्चायुक्त जेन मैरियट से मुलाकात के दौरान दिया था।
पहलगाम हमले का प्रभाव
पहलगाम हमला और भारत-पाकिस्तान के बीच बिगड़ते संबंध
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में और भी तनाव आ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तानी सीमा के भीतर कई आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर बात की
प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी चर्चा की और सभी देशों की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय की आवश्यकता विस्तारवाद नहीं, बल्कि विकासवाद है। मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान जारी रखने की बात की।