प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक विकास पर चर्चा की, भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री का संबोधन
दिल्ली में आयोजित इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आर्थिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। मोदी ने बताया कि वित्तीय घाटा कम हो रहा है, बैंकिंग प्रणाली मजबूत हो रही है, विदेशी मुद्रा भंडार सुरक्षित है, और कंपनियां रिकॉर्ड निवेश जुटा रही हैं।
आर्थिक स्थिरता का संकेत
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की लचीलापन और विकास दर इस दशक की आर्थिक स्थिरता का परिणाम है। उन्होंने बताया कि कोविड जैसी बड़ी चुनौतियों के बावजूद वित्तीय घाटा 4.4 प्रतिशत तक आने की संभावना है। महंगाई दर कम है, ब्याज दरें नियंत्रित हैं, और भारतीय बैंक पहले से कहीं अधिक मजबूत स्थिति में हैं। इसके साथ ही, घरेलू निवेशक हर महीने एसआईपी के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं।
कंपनियों और बाजार का विश्वास
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की कंपनियां आज पूंजी बाजार से रिकॉर्ड धन जुटा रही हैं। चालू खाते का घाटा नियंत्रण में है और विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत है। यह सब भारत की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता और नीतिगत सुधारों के कारण संभव हुआ है, जो न केवल देश की अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा रहे हैं।
सेमीकंडक्टर और तकनीकी विकास
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उत्पादन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कई दशकों पहले भारत ने इस क्षेत्र में शुरुआत का अवसर खो दिया था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। भारत में सेमीकंडक्टर से संबंधित फैक्ट्रियां स्थापित हो रही हैं और 2025 के अंत तक देश का पहला मेड इन इंडिया चिप बाजार में आएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार तेजी से 6G तकनीक पर काम कर रही है।
भारत का भविष्य
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का लक्ष्य केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि नई तकनीक, औद्योगिक उत्पादन और नवाचार में भी वैश्विक नेतृत्व स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि स्थिर अर्थव्यवस्था, मजबूत बैंकिंग प्रणाली, नियंत्रित महंगाई और बढ़ते निवेश भारत को आने वाले वर्षों में दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बना देंगे। उन्होंने छात्रों और उद्यमियों को संदेश दिया कि आने वाले समय में भारत अवसरों का सबसे बड़ा केंद्र बनेगा।