प्रधानमंत्री मोदी ने गया में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया

गया में विकास की नई दिशा
गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के गया में कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह भूमि अध्यात्म और शांति का प्रतीक है, जो भगवान बुद्ध की बोध भूमि भी है। गया की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर अत्यंत समृद्ध है। यहां के निवासियों की इच्छा थी कि इसे 'गया जी' कहा जाए, और मैं बिहार सरकार को इस निर्णय के लिए बधाई देता हूं। मुझे खुशी है कि गया जी के विकास के लिए बिहार की डबल इंजन सरकार निरंतर प्रयासरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज गया जी की पावन भूमि से 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। इनमें ऊर्जा, स्वास्थ्य और शहरी विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल हैं। ये परियोजनाएं बिहार के उद्योगों को मजबूती प्रदान करेंगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेंगी। मैं इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को बधाई देता हूं। गरीबों के जीवन में सुधार लाना और महिलाओं के जीवन को सरल बनाना, यही मेरा उद्देश्य है।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा एक बड़ा संकल्प है: जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा। पिछले 11 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर दिए जा चुके हैं। जब भी भारत को किसी दुश्मन ने चुनौती दी है, बिहार हमेशा देश की रक्षा में खड़ा रहा है। इस धरती पर लिया गया हर संकल्प कभी अधूरा नहीं जाता।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा नीति में एक नई दिशा दी है। अब आतंकवादी भारत में घुसकर बच नहीं सकेंगे। चाहे वे कितनी भी गहराई में छिप जाएं, भारत की मिसाइलें उन्हें समाप्त कर देंगी। आपको याद होगा कि कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे बिहार के लोगों को अपने राज्य में घुसने नहीं देंगे। कांग्रेस का बिहार के प्रति यह व्यवहार कभी नहीं भुलाया जा सकता।
पीएम ने कहा कि लालटेन राज के दौरान यह क्षेत्र आतंकवाद से ग्रस्त था। माओवादियों के कारण रात में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था। गया जैसे शहर अंधकार में डूबे रहते थे। लालटेन राज ने बिहार के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया था। शिक्षा और रोजगार की कमी के कारण कई पीढ़ियों को बिहार से पलायन करना पड़ा। आरजेडी और उनके सहयोगियों ने बिहार के लोगों को केवल वोट बैंक समझा।
उन्होंने कहा कि बिहार का तेज विकास केंद्र की एनडीए सरकार की प्राथमिकता है। पिछले वर्षों में पुरानी समस्याओं का समाधान किया गया है और नई प्रगति के रास्ते खोले गए हैं। पिछले सप्ताह, 15 अगस्त से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू की गई है। इसके तहत, जब हमारे युवा निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तो केंद्र सरकार उन्हें 15,000 रुपये देगी। यह योजना बिहार के युवाओं के लिए भी लाभकारी होगी।