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प्रधानमंत्री मोदी ने चोल साम्राज्य की विरासत को सम्मानित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के आरियालुर जिले में आदि थिरुवाथिरै उत्सव में भाग लिया, जहां उन्होंने चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की विरासत का सम्मान किया। उन्होंने भगवान बृहदेश्वर के दर्शन करते हुए 140 करोड़ भारतीयों की भलाई के लिए प्रार्थना की। मोदी ने चोल साम्राज्य के महत्व और भारत की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। जानें उनके विचार और इस ऐतिहासिक अवसर की विशेषताएँ।
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प्रधानमंत्री मोदी ने चोल साम्राज्य की विरासत को सम्मानित किया

आदि थिरुवाथिरै उत्सव में भागीदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के आरियालुर जिले में आयोजित आदि थिरुवाथिरै उत्सव में भाग लिया, जहां उन्होंने महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की विरासत का सम्मान किया। गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में राजेंद्र चोल की जयंती समारोह के दौरान पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने आज मंदिर में 140 करोड़ भारतीयों की भलाई और देश की निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना की।


भगवान बृहदेश्वर के दर्शन

पीएम मोदी ने कहा, "मुझे भगवान बृहदेश्वर के चरणों में पूजा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैंने इस ऐतिहासिक मंदिर में 140 करोड़ भारतीयों की भलाई और भारत की प्रगति के लिए प्रार्थना की। मैं कामना करता हूं कि सभी को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो।"


चोल साम्राज्य का महत्व

पीएम मोदी ने चोल वंश के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "राजराजा चोल और राजेंद्र चोल भारत की पहचान और गौरव के प्रतीक हैं। चोल साम्राज्य का इतिहास और विरासत हमारी महान राष्ट्र की ताकत और सच्ची क्षमता को दर्शाती है।" उन्होंने चोल राजाओं की कूटनीति और व्यापारिक संबंधों का भी उल्लेख किया, जो श्रीलंका, मालदीव और दक्षिण-पूर्व एशिया तक फैले थे।


इलैयाराजा की भक्ति का जिक्र

पीएम मोदी ने संगीतकार इलैयाराजा की प्रशंसा करते हुए कहा, "जिस तरह इलैयाराजा ने हमें राजराजा चोल की इस पवित्र भूमि में, सावन के महीने में, शिव भक्ति में डुबो दिया, वह अविस्मरणीय है। मैं काशी का सांसद हूं, और जब मैं 'ॐ नमः शिवाय' सुनता हूं, तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह एक अलौकिक और असाधारण माहौल है।"


भारत की आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता

आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को दोहराते हुए पीएम ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने देखा कि अगर कोई भारत पर हमला करता है, तो हम उसका जवाब कैसे दे सकते हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और ऑपरेशन सिंदूर ने एक कड़ा संदेश दिया है: "आतंकवादियों और आतंकवाद के लिए कोई जगह सुरक्षित नहीं है।"