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प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय एकता पर जोर देते हुए किया महत्वपूर्ण संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल पर एक महत्वपूर्ण संबोधन में जातीय एकता और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया। उन्होंने कई महापुरुषों को नमन करते हुए भाजपा के चुनावी एजेंडे को स्पष्ट किया। सभा में महाराजा बिजली पासी को वीरता का प्रतीक बताते हुए, मोदी ने आदिवासी समुदाय और अन्य जातियों के प्रति भी सम्मान प्रकट किया। इस संबोधन में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना को भी उजागर किया गया, जिससे भाजपा की चुनावी रणनीति की झलक मिलती है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय एकता पर जोर देते हुए किया महत्वपूर्ण संबोधन

राष्ट्र प्रेरणा स्थल पर प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल पर एक नए अंदाज में शाल ओढ़कर मंच पर कदम रखा, जहां उन्होंने राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया। भाजपा के तीन प्रमुख नेताओं, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य प्रतिमाओं के बीच मोदी ने राष्ट्र के प्रति समर्पण की प्रेरणा दी। उन्होंने अन्य महापुरुषों को भी नमन करते हुए एक गुलदस्ता अर्पित किया।


सभा को संबोधित करते हुए, मोदी ने महाराजा बिजली पासी को वीरता और सुशासन का प्रतीक बताया। समापन से पहले, उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा, राजा सुहेलदेव, निषादराज और चौरी चौरा के बलिदानियों का स्मरण कर जातीय एकता को मजबूत करने का संदेश दिया। यह स्पष्ट है कि भाजपा अपने मूल एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए चुनावी तैयारी में जुट गई है।


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी महोत्सव में 'वन्दे मातरम', 'भारत माता की जय' और 'जय श्रीराम' के नारों के साथ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना प्रबल रही। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों के हाथों में तिरंगा लहराता नजर आया। हाल ही में संसद में वंदे मातरम को लेकर राजनीतिक विवाद चल रहा था, जिसके बीच भाजपा ने इस मुद्दे पर अपनी तैयारी को तेज कर दिया है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री ने मंच से जातीय समीकरणों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।


बिजली पासी का उल्लेख और राजनीतिक महत्व

पूर्व डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा और सीएम योगी ने पहले संबोधन में बिजली पासी को योद्धा बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे विस्तार देते हुए कहा कि 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ बिजली पासी का जन्मदिन भी है। उन्होंने कहा कि 'उनका किला यहीं पास में है। बिजली पासी ने विरासत और सुशासन की लड़ाई लड़ी थी, जिसे पासी समाज आगे बढ़ा रहा है।' इन शब्दों का बड़ा राजनीतिक महत्व है।


प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर लगाने की बात कहकर आदिवासी समुदाय को संदेश दिया। उन्होंने यूपी की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे राजभर समाज का भी जिक्र किया। अयोध्या में भगवान श्रीराम के साथ निषादराज के मंदिर की बात कर एक बड़े वर्ग से भावनात्मक जुड़ाव बनाने का प्रयास किया।


राजा महेंद्र सिंह और चौरी चौरा के बलिदानियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने जातीय स्वाभिमान को बढ़ावा दिया और राष्ट्रवाद का रंग भरा। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और तरुण गोगोई को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की बात कहकर गैर-भाजपा दलों के समर्थकों के दिलों में भी जगह बनाने का प्रयास किया।