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प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 70वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, उन्होंने अंबेडकर के दूरदर्शी नेतृत्व और उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों का उल्लेख किया। अंबेडकर ने मानवाधिकारों की रक्षा, शिक्षा के अवसरों में वृद्धि और भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जानें उनके योगदान और उनके आदर्शों के बारे में इस लेख में।
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प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रधानमंत्री मोदी का श्रद्धांजलि अर्पण


नई दिल्ली: शनिवार की सुबह संसद भवन परिसर में एक गंभीर और श्रद्धापूर्ण माहौल था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाबासाहेब की 70वीं पुण्यतिथि पर, पीएम मोदी ने कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व और न्याय एवं समानता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भारत की यात्रा को निरंतर मार्गदर्शन प्रदान करती रहेगी। उन्होंने X पर एक संदेश साझा करते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।


डॉ. अंबेडकर के योगदान

इस विशेष अवसर पर, आइए जानते हैं डॉ. अंबेडकर के उन कार्यों के बारे में जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 70वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली स्थित संसद भवन में महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।




X पर साझा की गई एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को नमन। उनका दूरदर्शी नेतृत्व और न्याय, समानता एवं संविधानवाद के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता हमारी राष्ट्रीय यात्रा का मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने पीढ़ियों को मानवीय गरिमा को बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। उनके आदर्श हमें एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहें।'


सामाजिक और धार्मिक सुधारों के अग्रदूत

भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक भेदभाव समाप्त करने और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित किया। उन्होंने दलितों और आदिवासी समुदायों के मंदिर प्रवेश, पानी के अधिकार और छुआछूत जैसी कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया। उनके आंदोलनों ने समाज में समानता की नींव रखी।


शिक्षा और समाज सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी पहल

डॉ. अंबेडकर ने कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए छात्रावास, नाइट स्कूल और ग्रंथालयों की स्थापना की। उन्होंने शिक्षा के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ छात्रों को आय अर्जित करते हुए पढ़ाई पूरी करने के लिए सक्षम बनाया। उनकी स्थापित पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी ने कई महाविद्यालयों की स्थापना की।


आर्थिक, वित्तीय और औद्योगिक नीतियों में दूरदर्शी योगदान

डॉ. अंबेडकर की आर्थिक सोच भारत के विकास की आधारशिला मानी जाती है। उन्होंने औद्योगिकरण और जलनीति के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की रूपरेखा तैयार की।


संविधान निर्माण और लोकतांत्रिक ढांचे के निर्माता

डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समता, समानता, बंधुता तथा मानवता पर आधारित ढांचा तैयार किया। उन्होंने महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ी और विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में वंचित समुदायों की सहभागिता सुनिश्चित की।